कमजोरी पर दिया ध्यान
खास बात यह रही कि गुलवारा हाइस्कूल में नियमित रूप से पढ़ाई हो रही थी। सभी बच्चे भी नियमित रहे। यहां पर रेमेडियल क्लास भी लगाई गईं। मॉड्यूल भी पूरे कराए गए। 34 बच्चे रेग्युलर आते थे। एक या दो दिन यदि कोई विद्यार्थी स्कूल नहीं आता था तो शिक्षक पालकों से संपर्क कर मोटिवेट करते थे। शिक्षक बच्चों की कमजोरी पर ध्यान देकर उनकी समस्या को दूर करते रहे। उनको मोटिवेट किया, पढऩे का तरीका बेहतर बताया जिससे स्कूल का बेहतर रिजल्ट आया। एडी आरएस पटेल ने लगातार स्कूल की मॉनीटरिंग की। बता दें कि विनय हल्दकार 87.5 अंक के साथ प्रथम, संजना यादव 84.25 अंक साथ द्वितीय व रोहित बर्मन 79.5 अंक के साथ तीसरे स्थान पर है।
इनका कहना है
सिर्फ बच्चों को नियमित रूप से शिक्षकों ने पढ़ाया। उनकी कमजोरी को भांपा और उस क्षेत्र में थोड़ा अधिक मेहनत की। बच्चों को भी पढ़ाई के प्रति सकारात्मक ढंग से प्रेरित किया, जिसका परिणाम सबके सामने है। बच्चों को कुशलमार्गदर्शन मिल जाए तो रिजल्ट बेहतर होता है।
राजेंद्र द्विवेदी, प्रभारी प्राचार्य गुलवारा हाइस्कूल।