scriptvideo: बाघों से घिरा एक गांव जहां बच्चा-बच्चा ‘मोगली’ | A village surrounded by tigers where all child 'Mowgli' | Patrika News

video: बाघों से घिरा एक गांव जहां बच्चा-बच्चा ‘मोगली’

locationकटनीPublished: Aug 26, 2019 10:01:29 pm

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में बसे गढ़पुरी गांव में तीन दशक में बाघ के हमले से मौत का एक भी मामला नहीं.
– बाघों के गढ़ बांधवगढ़ के इस गांव में फेल है हृयूमन एनिमल कनफ्लिक्ट (मानव-वन्यप्राणी द्वंद्व) का सिंद्धांत.
 

Children talking about tigers in school

स्कूल में बाघों के बारे में बात करते बच्चे

राघवेंद्र चतुर्वेदी @ कटनी. बाघों के गढ़ बांधवगढ़ में दोस्ती की नई इबारत लिखी जा रही है। जी हां, यहां के गढ़पुरी गांव के बच्चों और बाघ के बीच बेहद खास दोस्ताना है। वादियों में रहने वाले बच्चे ‘मोगली’ की तरह बहादुरी के साथ बाघों का सामना करते हैं। बाघों को देखकर भी ऐसा लगता है जैसे वे बच्चों से अपनापन दिखा रहे हों। उनके चेहरे पर डराने वाले भाव नहीं दिखते। वे बच्चों को खेलता हुआ छोड़कर आगे बढ़ जाते हैं।

करीब 16 सौ की आबादी वाला गढ़पुरी गांव टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में है। इसलिए यहां आस-पास दस बाघों का मूवमेंट रहता है। फिर भी बच्चे न सिर्फ बेहिचक स्कूल आते-जाते हैं,बल्कि जंगल की पगडंडियों पर खेलते-कूदते रहते हैं। तीसरी कक्षा में पढऩे वाले मयंक ने बताया कि उसने तीन बार बाघ को करीब से देखा है। छठवीं के रोहित का पांच बार बाघ स सामना हो चुका है। दोनों की आंखे बाघ से मिली। उन्होंने चुहलबाजी भी की, लेकिन बाघ गुर्राए बिना आगे बढ़ गए। मिथिलेश, साधना और अंकुश ने अपने अनुभव साझा करते हुए बाघों की कद-काठी बताई। इन्ही की तरह गांव के अन्य बच्चों के भी ऐसे ही किस्से हैं।

गढ़पुरी में रहवासियों और बाघों के बीच पनपे इस अनोखे रिश्ते के आगे ह्यूमन एनिमल कनफ्लिक्ट का सिद्धांत फेल नजर आता है। 65 साल के दुलारे बैगा बताते हैं कि कई बार बाघ को करीब से देखा। एक चीज सीखी है बाघ उन्हीं को कुछ करते हैं जब उन्हे छेड़ा जाए। बाघ बिना कारण के इंसानों पर हमला करने लगे तो गांव खाली हो जाता।

मथुरा यादव ने बताया कि पिता शंभू यादव को बाघ ने झपट्टा मारा था, तब पालतू भैंसों ने बाघ से उन्हे बचाया था। नुकसान हुआ है, वह जंगल के अंदर हुआ। बाघ कभी भी गांव के अंदर नहीं आते।

टाइगर रिजर्व के खितौली रेंज के रेंजर एनपी कार्तिकेय ने बताया कि गढ़पुरी गांव बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में घने जंगल के बीच बसा है। दस से ज्यादा बाघों के मूवमेंट है। तीन दशक में बाघ के हमले इस गांव में इंसानों की मौत का एक भी मामला सामने नहीं आया है। ह्यमन एनीकल कनफ्लिक्ट के बीच यह गांव मिसाल इंसान और बाघों के बीच पारंपरिक रिश्ते का।

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