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पति की जमानत कराने पहुंची गर्भवती महिला जेठानी के साथ लॉकडाउन में फंसी, वन स्टॉप सेंटर में मिला आसरा, अफसर ने की खास पहल

locationकटनीPublished: May 28, 2020 11:15:46 am

Submitted by:

balmeek pandey

लॉकडाउन के पहले पति की जमानत कराने पहुंची एक महिला दो माह तक वाहन न मिलने के कारण कटनी में ही फंसी रही। दो माह तक जमानत का इंतजार करती रही। साथ में छोटी बच्ची व जेठानी भी थी। महिलाओं को वन स्टॉफ सेंटर में आसरा मिला। जिला कार्यक्रम अधिकारी ने सहद्रयता दिखाई और अनुमति लेकर वाहन कराते हुए उत्तरप्रदेश पहुंचाया।

A woman came in lockdown to bail her husband

A woman came in lockdown to bail her husband

कटनी. लॉकडाउन के पहले पति की जमानत कराने पहुंची एक महिला दो माह तक वाहन न मिलने के कारण कटनी में ही फंसी रही। दो माह तक जमानत का इंतजार करती रही। साथ में छोटी बच्ची व जेठानी भी थी। महिलाओं को वन स्टॉफ सेंटर में आसरा मिला। जिला कार्यक्रम अधिकारी ने सहद्रयता दिखाई और अनुमति लेकर वाहन कराते हुए उत्तरप्रदेश पहुंचाया। जानकारी के अनुसार शमशेर सिंह निवासी लखीमपुर खीरी उत्तप्रदेश जेल में बंद था। पति की जमान कराने के लिए पत्नी अंजू सिंह (26) दो वर्ष की बच्ची आरुषी व जेठानी के साथ 23 मार्च को कटनी पहुंची। पति की जमानत नहीं हो पाई और पूरे देश में लॉकडाउन हो गया। इस परिस्थति में तीनों को वन स्टॉप सेंटर में ठहराया गया। प्रशासक नाग द्वारा देखभाल की गई। भोजन-पानी का इंतजाम बेहतर से किया गया। दोनों ही महिलाएं गर्भवती थी, इसलिए जिला कार्यक्रम अधिकारी नयन सिंह ने विशेष ध्यान रखने निर्देश दिए। दो माह बाद भी जमानत की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई थी। इसको लेकर फिर महिलाओं ने घर जाने के लिए कहा।

अफसर ने की पहल
इस पर जिला कार्यक्रम अधिकारी ने कलेक्टर शशिभूषण सिंह से चर्चा कर निजी वाहन की व्यवस्था की। इ-पास जारी कराया। दो महिला जवान प्रियंका तिवारी व रविता ठाकुर व चालक मो वादि शाह के साथ उन्हें घर भेजन की व्यवस्था की गई। सुरक्षित घर पहुंचाकर टीम वापस आई। इस पहल पर महिलाओं व परिजनों ने कलेक्टर और जिला कार्यक्रम अधिकारी व स्टॉफ की जमकर सराहना की। बता दे कि पुराने प्रकरण में कोर्ट में हाजिर न होने से कोर्ट ने जेल भेज दिया था। शमशेर सिंह उर्फ राहुल की जमानत शनिवार को हुई, रविवार को अपने घर के लिए भोपाल होते हुए 27 मई को वह भी अपने घर लखीमपुर-खीरी पहुंचा। बता दें कि शुरुआती दौर में जब महिला आई थी तो पत्रिका ने मामले को संज्ञान में लिया और अधिकारी सक्रिय हुए और दोनों महिलाओं व बच्चियों के ठहरने का इंतजाम कराया।

इनका कहना है
पति की जमानत कराने आई महिला लॉकडाउन के कारण यहीं फंस गई थी। उसके साथ में बच्ची और जेठानी भी थी। दोनों महिलाएं गर्भवती थीं। उन्हें वन स्टॉप सेंटर में दो माह तक रखकर संपूर्ण व्यवस्था की गई। इसके बाद निजी वाहन कर दो महिला आरक्षकों के साथ उन्हें घर भेज दिया गया है।
नयन सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी।

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