धान खरीदी घोटाले को लेकर बचैया के किसान केएल राय ने बताया कि राइस मिलर्स, खरीदी केंद्र और लोकल व्यापारी के बीच सांठगांठ की परतें खुलनी चाहिए। जब हम धान लेकर जाते हैं तो बारदाने से लेकर परिवहन की तरह-तरह की परेशानी बताई जाती है। खुलेआम कमीशन का खेल चल रहा है, दोषियों पर ठोस कार्रवाई हो।
जनपद सदस्य व किसान नरेंद्र सैनी बताते हैं कि मैं तो पहले पत्रिका को धन्यवाद देना चाहता हूं। जिसने घोटाले को ऊजागर किया। धान खरीदी घोटाले के दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। एक भी दोषी बक्शा नहीं जाना चाहिए। समितियों द्वारा खुलेआम किसानों का शोषण किया जा रहा है।
जनप्रतिनिधि व किसान प्रकाश चंद गुप्ता ने बताया कि पहली बात यह बताना चाहूंगा मैं पत्रिका पेपर कई वर्षों से ले रहा हूं। मैं पत्रिका समाचार पत्र को धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने घोटाले की परतें खोली। मैं चाहता हूं कि इसकी सूक्ष्मता से जांच की जाए। परत दर परत खुलासा कर दोषियों को जेल भेजा जाए।
किसान बिहारी लाल विश्वकर्मा ने बताया कि हम किसान बड़ी मेहनत से उपज पैदा करते हैं। उसे बेचते हैं और शासन पैसा देती है। ये बीच के लोग लापरवाही करते हैं। शासन को चूना लगा रहे हैं। घोटाले में हमारे पैसे का नाजायज उपयोग हुआ है। इन पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
इस बीच मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन (नान) के प्रबंध संचालक तरुण कुमार पिथोड़े द्वारा जारी आदेश में नान कटनी के प्रबंधक मधुर खर्द का स्थानांतरण कटनी से उमरिया के लिए कर दिया गया। कटनी में नान का प्रबंधक रीवा के प्रबंधक संजय सिंह को बनाया गया है। बतादें कि कटनी प्रबंधक मधुर खर्द द्वारा एक मिलर को क्लीनचिट दिए जाने संबंधी सवाल पर उल्टा यह पूछा गया था कि जांच प्रतिवेदन कहां से मिला।