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कोरोना का असर: सरकारी स्कूल में बढ़ा बच्चों का दाखिला, सामने आई यह वजह

locationकटनीPublished: Sep 27, 2020 09:45:33 am

Submitted by:

balmeek pandey

हाई व हॉयर सेकंडरी में 105 तो प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में लगभग 110 प्रतिशत हुआ प्रवेश, अभी भी 30 सितंबर तक जारी रहेगी प्रवेश की प्रक्रिया, बजट बिगडऩे से सरकारी स्कूलों की ओर अभिभावकों ने किया रुख

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कटनी. वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते चले लॉकडाउन व अभी तक लोगों की जिंदगी पटरी पर न लौटने का असर शिक्षा पर भी खूब दिख रहा है। अभिभावकों की जेब खाली है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिले के हजारों अभिभावक बच्चों को निजी की जगह अब सरकारी स्कूल में दाखिला दिला रहे हैं। अभी तक की प्रवेश प्रक्रिया में प्राथमिक और माध्यमिक में 10 प्रतिशत व हाइ व हॉयर सेकंडरी में 5 प्रतिशत बच्चों की संख्या में इजाफा हुआ है। इसकी मुख्य वजह कोरोना वायरस ही है। बच्चों के भविष्य को सुनहरा बनाने अच्छी शिक्षा दिलाने के लिए यहां के अभिभावक निजी स्कूलों में ज्यादा भरोसा कर रहे थे, लेकिन मजबूरी में अब सरकारी में प्रवेश करा रहे हैं। बता दें कि महामारी के चलते हजारों लोग बेरोजगार हो गए हैं, जिनका काम चल रहा है उन्हें भी समय पर मजदूरी न मिलने व आधी-अधूरी मिलने की समस्या है। संकट के इस दौर में परिवार का भरण-पोषण करना भी गंभीर चुनौती है, ऐसी परिस्थिति में बच्चों को सरकारी स्कूलों में दाखिला दिला रहे हैं। शिक्षा विभाग के आंकड़ों की बात करें तो शैक्षणिक सत्र 2019-20 में प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल में दर्ज बच्चों की संख्या एक लाख 34 हजार 650 थी, जो इस सत्र में 31 जुलाई तक की स्थिति में एक लाख 32 हजार थी। अब बढ़कर यह आंकड़ा एक लाख 36 हजार पहुंच गया है। इसके अला अभी संख्या लगातार बढ़ रही है। एपसी एनपी दुबे के अनुसार पूरे सितंबर माह अभी प्रवेश प्रक्रिया जारी रहेगी। हालांकि कोरोना काल में सरकारी स्कूल में पढ़ाई को लेकर अभिभावकों का विश्वास भी बढ़ा है।

5.2 प्रतिशत बढ़ा हाइ व हाइ व हॉयर सेकंडरी में प्रवेश
हाइ व हॉयरस सेकंडरी स्कूलों में भी बच्चों का प्रवेश बढ़ा है। बता दें कि शैक्षणिक सत्र 2018-19 में कक्षा 9 से लेकर 12 तक 52 हजार 699 बच्चों ने दाखिला लिया था। शैक्षणिक वर्ष 2019-20 में आंकड़ा घटकर 52 हजार 3 रहा है और इस वर्ष यह आंकड़ा बढ़कर 54 हजार 741 पर पहुंच गया है। अबतक 105.2 प्रतिशत बच्चों ने प्रवेश लिया है। बड़वारा में 11226, बहोरीबंद में 8979, ढीमरखेड़ा 8148, कटनी में 9702, रीठी में 7126, विगढ़ में 9566 बच्चों ने प्रवेश लिया है।

यह है स्कूलों की स्थिति
– 1295 हैं जिले में प्राथमिक स्कूल
– 528 हैं जिले में माध्यमिक स्कूल
– 92 हैं जिले में हाइस्कूल स्कूल
– 84 हैं जिले में हॉयर सेकंडरी स्कूल

ऐसे समझें निजी से सरकारी स्कूल में प्रवेश का गणित
– उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय माधवनगर में कक्षा 9वीं में 27 ऐसे बच्चों ने प्रवेश लिया है जो निजी स्कूल में पढ़ रहे थे, इसी तरह कक्षा 11वीं में 14 विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है, 112 बच्चों ने एक्सीलेंस में प्रवेश लिया है जो अभी तक प्राइवेट स्कूल में अध्ययन कर रहे थे।
– महिमा चौरसिया पिता ब्रजभूषण निवासी बिलहरी, सुरभि बर्मन पिता पिता सज्जू कटनी, संध्या पिता मंगतराम चौधरी कारीतलाई, सुहानी पिता प्रमोद मेहरा बाकल, अनूप पिता राजेश चौधरी बसाड़ी, हर्ष तिवारी पिता संतोष तिवारी झिंझरी, महक कुशवाहा पिता कृष्णकुमार तेवरी, रोशन पिता रघुनंदन साहू धरवारा आदि ने निजी से सरकारी में लिया प्रवेश।
– कोरोनाकाल के दौरान लोगों की आय कम हो रही है, कामकाज ठप होने के कारण बड़ी संख्या में नौकरीपेशा लोगों की तनख्वाह में कटौती हुई और कइयों की तो नौकरी ही चली गई, ऐसे कुछ अभिभावकों का कहना है कि मोबाइल फोन पर बच्चों की फीस भरने के लिए मैसेज आ रहे हैं, आर्थिक हालत बिगडऩे के कारण निजी स्कूलों की फीस कैसे भरें।
– यह सत्र शिक्षा व पढ़ाई के लिहाज से अस्त-व्यस्त है, इस कारण अभिभावक बच्चों की पढ़ाई के लिए सरकारी स्कूलों की ओर रुख कर रहे हैं ताकि बच्चों पर पढ़ाई का मानसिक रूप से कोई दबाव ना रहे, सरकारी स्कूलों में सरकारी आदेशों का पालन होता है, जिससे बच्चों को किसी प्रकार परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।

इनका कहना है
वैश्विक महामारी के चलते इस बार सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ी है। कई अभिभावक निजी स्कूल से सरकारी स्कूलों में बच्चों का दाखिला दिला रहे हैं। हाइ व हॉयरसेकंडरी का प्रवेश 105.2 प्रतिशत हो गया है। प्राथमिक और माध्यमिक में भी काफी प्रवेश संख्या बढ़ी है।
अभय जैन, एपीसी।

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