सूनी रात में फेंका शव
पुलिस को पूछताछ में पता चला कि बच्ची आखिरी समय तक चाचा के साथ देखी गई है। कड़ाई से पूछताछ की तो उसने बताया कि वह अपने घर के पास ही 27 फरवरी की रात लगभग 8 बजे उसे सूने मकान में लेकर गया। वहां पर उसने भतीजी के साथ बलात्कार किया। चाचा की दरिंदगी से जब बच्ची चीखने लगी और मां से बताने की बात कहते हुए रोने लगी तो आरोपी डर गया और तत्काल उसने भतीजी का गला दबाकर मौत के घाट उतार दिया। जब गांव में सन्नाटा छा गया तो लगभग 50 मीटर की दूरी पर बने गोबर गैस के टैंक में शव को फेंक दिया।
इनकी रही भूमिका
आरोपी को दबोचने में अन्वेषण टीम में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संदीप मिश्रा, संयुक्त निदेशक एसएस ठाकुर, आरएफएसएल जबलपुर, वैज्ञानिक अधिकारी डॉ. अवनीश कुमार, एसडीओपी विजयराघवगढ़ हरिओम शर्मा, निरीक्षक विजय अंभोरे, उनि मीनाक्षी पेन्द्रे, सउनि प्रदीप कुमार, सउनि आरपी रावत, सउनि सुदामा प्रसाद दहिया, थाना बरही कटनी क्राइम ब्रांच के उनि एचजी झरिया, उनि धीरज राज, सउनि दुर्गेश तिवारी, सउनि गोपाल विश्वकर्मा, आरक्षक लालजी, एसएएफ आरक्षक नरेन्द्र सिंह यादव, प्रधान आरक्षक, महेश प्रताप की मुख्य भूमिका रही। पुलिस अधीक्षक द्वारा टीम को पुरस्कृत करने की घोषणा की है।