ये रहे प्रमुख मुद्दे
उमररियापान के उत्कृष्ट विद्यालय में आयोजित बैठक में शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, सिंचाई, सड़क की बात निकलकर आई। बैठक में युवा बेरोजगारी का मुद्दा छाया रहा। गणमान्य नागरिकों ने कहा कि क्षेत्र में ऐसे उद्योग लगें जिससे स्थानीय युवाओं को रोजगार मिले। महिला सशक्तिकरण, वरिष्ठ नागरिकों के लिए ठोस योजनाएं बनें। बेहतर खेल मैदान, महाविद्यालयों में अच्छी शिक्षा व्यवस्था होने पर जोर दिया। उमरियापान को शीघ्र तहसील बनाए जाने चर्चा की। बैठक में राजनीति में अच्छे लोग आएं और विकास की राजनीति सही दिशा में आगे बढ़े। लोगों ने कहा आज हम जिस कार्य को लेकर यहां जुटे हैं, वह हमारी आपकी आवश्यकताओं और प्राथमिकताओं से जुड़ा हुआ है। राजनीति और खास तौर पर चुनावी राजनीति मुद्दों के आधार पर हो, इसके लिए जरूरी है कि जनता की सहभागिता बढ़े। बड़वारा विधानसभा क्षेत्र की जरूरतें क्या हैं और प्राथमिकताएं क्या होनी चाहिए, इसे हमसे से ज्यादा कोई नहीं जान सकता। हमारी आज की कवायद इसी उद्देश्य का हिस्सा है। सभी अपने विधानसभा क्षेत्र में सुखद बदलाव चाहते हैं, सही दिशा में विकास चाहते हैं, इसके लिए फिक्रमंद हैं, इसीलिए आप यहां आए। हमारे इलाके का चुनाव घोषणा पत्र क्या हो, यह खुद तय किया। ‘जन घोषणा पत्र 2018-2023’ पर विचार-विमर्श किया।
ये रहे मौजूद
आयोजित बैठक में शिवकुमार चौरसिया, अटल व्यौहार, डॉ. आरसी मिश्रा, बीसी चौरसिया, शिक्षक बीएल गौटिया, रामविशाल नामदेव, सुनील पाठक, सिद्धार्थ दीक्षित, शैलेन्द्र पौराणिक, दम्मी चौरसिया, राजेंद्र रजक, शैलेन्द्र झारिया, रामकिशोर काछी, ललित झारिया, परसराम मिश्रा, नंदू गुप्ता, संदीप सोनी, राजेन्द्र चौरसिया, केके चौरसिया, अशोक रजक, रंजीत काछी, पंकज नामदेव, धीरज जैन, गंगाराम विश्वकर्मा, लोचन पटेल, सुरेश दुबे, शिवानंद बर्मन, नमन चौरसिया, संदीप चौधरी, तांतू चौरसिया,राजेश यादव, योगेंद्र लोधी, राहुल काछी, योगराज सिंह, विजय बहादुर, मनीष सिंह, बलराम सेन, प्रहलाद दाहिया, देवेंद्र पटेल, प्रदीप चौरसिया, सचिन काछी, रणजीत पटेल, प्रदीप पटेल, सतेंद्र लोधी, पुष्पेन्द्र महोबिया, मुरारी पटेल, पंकज झारिया, बाबू लाल सहित बड़ी संख्या में लोगों की उपस्थिति रही।
लोगों ने रखे ये मुद्दे
बैठक के दौरान वरिष्ठ जननेता शिवकुमार चौरसिया ने शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था पर जोर किया। उन्होंने कहा कि पूरे विधानसभा क्षेत्र स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल पड़ी हैं। अस्पतालों में डॉक्टरों की कोई व्यवस्था नहीं है, आये दिन समुचित इलाज नहीं होने से मरीजों की मौत हो रहीं हैं। ऐसा ही शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है, छात्रों को बैठने के लिए व्यवस्था नहीं है, शिक्षकों की तैनाती नहीं। डॉ. आरसी मिश्रा ने कहा क्षेत्र में सिंचाई के लिए कोई साधन नहीं है। सबसे बड़ी पंचायत के बाद उमरियापान तहसील और नगर पंचायत से दूर हो गया। बीते दस सालों से क्षेत्र में कोई विकास नजर नहीं आया। क्षेत्र में ट्यूबवेल की व्यवस्था भी नहीं है।इस ओर सार्थक प्रयास करना चाहिए।
इन्होंने भी रखी अपनी बात
सेवानिवृत्त बीसी चौरसिया ने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए कोई भी सुविधाएं नहीं है। पेयजल का मुद्दा गंभीर रूप से पूरे क्षेत्र में बना हुआ है। क्षेत्र की जनता समस्या से जूझ रही हैं।इसके लिए जनता को खुद जागरूक होना चाहिए। आगे आकर अपनी समस्या पर विचार करना चाहिए कि क्यो हमारी समस्याओं का हल नहीं होता। युवा नेता शैलेन्द्र पौराणिक ने कहा कि युवाओं को प्रतिभाओं को निखारने के लिए विधानसभा में खेल मैदान आज तक नहीं बन पाया। सड़क, पेयजल और शिक्षा की व्यवस्था क्षेत्र में गंभीर है। आवाज उठाने के बाद जनता की समस्या हल नहीं होती हैं। शासन और प्रशासन को लोगों की समस्याओं को निपटाने के प्रयास किया जाना चाहिए।
महिला सशक्तिरण के लिए जागरुकता जरुरी
बुद्धिजीवी नागरिक अटल व्यौहार ने कहा कि क्षेत्र में महिलाओं की सुरक्षा के लिए कोई कदम नहीं उठाए जाते। क्षेत्र में आये दिन घटना देखी सुनी जाती है। महिला सशक्तिकरण के लिए जागरूकता की जरूरत है।आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र होने से सारे जनप्रतिनिधि आदिवासी चुने जाते हैं। क्षेत्र का विकास नहीं हो पाता है। इसके लिए शासन प्रशासन को ध्यान देना चाहिए। सिद्धार्थ दीक्षित ने कहा कि क्षेत्र की दुर्दशा बिगड़ी हुई है। युवाओं और बेरोजगार लोगों के लिए कोई रोजगार के कोई साधन उपलब्ध नहीं है। किसानों को समय पर खाद्यान्न और मुआवजा नहीं मिलता है,जिससे किसान आत्महत्या की बढ़ जाते हैं। सरकार की इस पर पहल करनी चाहिए। उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं पर भी सवाल खड़े किये। अस्पताल सिर्फ शोपीस बनकर रह गए हैं। विकास नजर नहीं आ रहा है। सिर्फ राजनीतिक दल के लोग ही सिर्फ अपनी रोटियां सेंकी है।
अभियान को सराहा
सेवानिवृत्त रामविशाल नामदेव जी ने कहा कि वरिष्ठ जनों के लिए सरकार की योजना धरातल पर है। सिर्फ सरकार तक ही सीमित है। उन्होंने पारिवारिक वातावरण के लिए भी सुझाव दिया। इसी प्रकार गंगाराम विश्वकर्मा ने सड़क और शिक्षा, पंकज नामदेव ने पेयजल बिजली और स्वच्छता अभियानसे संबंधित सतेंद्र लोधी ने स्कूली बच्चों के बोझ और सड़क बिजली, सरकारी सुविधाओं का लाभ नहीं मिलने की बात सामने लाई। बैठक में उपस्थित अन्य लोगों ने भी अपने समस्याओं को लेकर अपने विचार रखे। साथ ही सभी नव पत्रिका के सराहनीय प्रयास को धन्यवाद दिया।