गोपनीयता लीक करने का आरोप
राष्ट्रीय अध्यक्ष कानूनगो ने कहा कि जिला कार्यक्रम एवं महिला बाल विकास अधिकारी नयन सिंह से आशा किरण बालगृह की औचक जांच गोपनीय तरीके से करने कहा गया। जब आशा किरण नवोदय सोसायटी पहुंचे तो अंदेशा हुआ कि निरीक्षण की जानकारी पहले से है। बालगृह के काउंसलर महेश के मोबाइल की जांच की गई तो पाया गया कि जिला बाल संरक्षण इकाई के संरक्षा अधिकारी मनीष तिवारी ने यहां आने की सूचना पहले दे दी है। सूचना लीक करने पर यह सेवा नियमों का उल्लंघन है। तिवारी पर अनुशानात्मक कार्रवाई के निर्देश भी राष्ट्रीय अध्यक्ष ने दिए हैं। जांच के दौरान एक बच्चे के पास से बाइबिल की पुस्तक सहित दस्तावेज में छेड़छाड़ के प्रमाण मिले हैं। कानूनगो ने कहा कि बच्चे की मां से भी मिलकर जागरुक किया गया है।
बालगृह में बना है चैपल
बाल अधिकार संरक्षण आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने आरोप लगाया है कि बालगृह में आदिवासी व दलित बच्चों से इसाई समाज की प्रार्थना का दबाव बनाया जाता है। समुचित उपचार नहीं कराया जा रहा, खेल गतिविधियों में भी भाग नहीं लेने दिया जा रहा। हिंदू होने के बाद भी मंदिर न ले जाकर चर्च ले जाया जाता है। दीवाली जैसे त्योहार में चर्च में प्रार्थना कराई गई। आवश्यक सामग्री भी बच्चों को नहीं दी जा रही। विदेशी फंडिंग का भी आरोप मढ़ा है। क्योंकि यहां पर चैपल भी मिला है। बालगृह की मान्यता की जांच के भी आदेश दिए हैं। वहीं दूसरी ओर आशा किरण की संचालिका सिस्टर शालिनी का कहना है कि धार्मंतरण के आरोप, इसाई समाज की प्रार्थना कराने के आरोप झूठे हैं। कोई विदेशी फंडिंग नहीं हो रही। इसकी जानकारी गृह मंत्रालय के पास होती है। 2005 से सेंटर चल रहा है, वर्तमान में 47 बच्चे हैं, जो सभी सीसीटीवी की निगरानी में हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा सिर्फ आशा किरण केंद्र में ही जांच की गई है।