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आशा किरण बालगृह में बच्चों के धर्मांतरण का आरोप, दो के खिलाफ एफआइआर दर्ज

locationकटनीPublished: May 31, 2023 09:21:35 pm

Submitted by:

balmeek pandey

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के आदेश पर माधवनगर पुलिस ने शुरू की जांच, बच्चों के लिए जाएंगे कथन

आशा किरण बालगृह में बच्चों के धर्मांतरण का आरोप, दो के खिलाफ एफआइआर दर्ज

आशा किरण बालगृह में बच्चों के धर्मांतरण का आरोप, दो के खिलाफ एफआइआर दर्ज

कटनी. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने झिंझरी में संचालित आशा किरण बालगृह का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दोरान पाया कि यहां पर बच्चों से इसाई समाज की प्रार्थना कराई जा रही है, उनके दस्तावेजों में छेड़छाड़ की गई और धर्मांतरण के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इस पर कानूनगो ने माधवनगर थाना पहुंचकर एफआइआर दर्ज करने व मामले की विस्तृत जांच करने के आदेश दिए। शिकायत पर माधवनगर पुलिस ने जबलपुर विशप सहित दो के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर मामले को जांच में लिया है।
माधवनगर टीआई विजय विश्वकर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो की शिकायत पर जेराल्ट अलमेड़ा संचालक आशा करण होम्स झिंझरी थाना माधवनगर व संस्थान की प्रमुख लीजी जोसफ के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध किया है। इनके खिलाफ किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) की धारा 75, मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2021 की धारा 3, मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम की धारा 5 के तहत एफआइआर दर्ज की है। थाना न्रभारी ने बताया कि

गोपनीयता लीक करने का आरोप
राष्ट्रीय अध्यक्ष कानूनगो ने कहा कि जिला कार्यक्रम एवं महिला बाल विकास अधिकारी नयन सिंह से आशा किरण बालगृह की औचक जांच गोपनीय तरीके से करने कहा गया। जब आशा किरण नवोदय सोसायटी पहुंचे तो अंदेशा हुआ कि निरीक्षण की जानकारी पहले से है। बालगृह के काउंसलर महेश के मोबाइल की जांच की गई तो पाया गया कि जिला बाल संरक्षण इकाई के संरक्षा अधिकारी मनीष तिवारी ने यहां आने की सूचना पहले दे दी है। सूचना लीक करने पर यह सेवा नियमों का उल्लंघन है। तिवारी पर अनुशानात्मक कार्रवाई के निर्देश भी राष्ट्रीय अध्यक्ष ने दिए हैं। जांच के दौरान एक बच्चे के पास से बाइबिल की पुस्तक सहित दस्तावेज में छेड़छाड़ के प्रमाण मिले हैं। कानूनगो ने कहा कि बच्चे की मां से भी मिलकर जागरुक किया गया है।

बालगृह में बना है चैपल
बाल अधिकार संरक्षण आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने आरोप लगाया है कि बालगृह में आदिवासी व दलित बच्चों से इसाई समाज की प्रार्थना का दबाव बनाया जाता है। समुचित उपचार नहीं कराया जा रहा, खेल गतिविधियों में भी भाग नहीं लेने दिया जा रहा। हिंदू होने के बाद भी मंदिर न ले जाकर चर्च ले जाया जाता है। दीवाली जैसे त्योहार में चर्च में प्रार्थना कराई गई। आवश्यक सामग्री भी बच्चों को नहीं दी जा रही। विदेशी फंडिंग का भी आरोप मढ़ा है। क्योंकि यहां पर चैपल भी मिला है। बालगृह की मान्यता की जांच के भी आदेश दिए हैं। वहीं दूसरी ओर आशा किरण की संचालिका सिस्टर शालिनी का कहना है कि धार्मंतरण के आरोप, इसाई समाज की प्रार्थना कराने के आरोप झूठे हैं। कोई विदेशी फंडिंग नहीं हो रही। इसकी जानकारी गृह मंत्रालय के पास होती है। 2005 से सेंटर चल रहा है, वर्तमान में 47 बच्चे हैं, जो सभी सीसीटीवी की निगरानी में हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा सिर्फ आशा किरण केंद्र में ही जांच की गई है।

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