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वाशिंगटन से सुंदर सड़क में फंसी एंबुलेंस, ग्रामीणों की मदद से पहुंची मरीज के पास, देखें वीडियो

locationकटनीPublished: Sep 18, 2018 12:31:12 pm

Submitted by:

balmeek pandey

सड़क के जानलेवा गड्ढे में फंसी एंबुलेंस, एक घंटे की मशक्कत के बाद ग्रामीणों ने निकाला, ग्राम देवरा पहुंच मार्ग का मामला

Ambulances trapped in bad roads

Ambulances trapped in bad roads

कटनी. जानलेवा सड़कों की उपमा वाशिंगटन की सड़कों से होने लग जाए तो फिर इसे क्या कहा जाए! । इस ही कुछ नजारा इन दिनों जिलों की कई सड़कों का है। जहां न सिर्फ ग्रामीणों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ता है बल्कि मरीजों तक की जान आफत में पड़ जाती है। ऐसा ही एक मामला गुरुवार की शाम राज्यमंत्री संजय पाठक के क्षेत्र देवराकला पहुंच मार्ग में सामने आया है, जहां पर जानलेवा गड्ढे में एक घंटे तक 108 एंबुलेंस फंसी रही। विजयराघवगढ़ विधानसभा क्षेत्र के ग्राम देवरकला पहुंच मार्ग की दुर्दशा कुछ ऐसी हो गई है कि 108 एंबुलेंस एक घंटे तक सड़क के गड्ढे में फंसी रही। गनीमत ये रही कि ये एंबुलेंस में मरीज नही था। एंबुलेंस देवरकला गांव एक मरीज को लेने जा रही थी। पहुंच मार्ग इस तरह हो गया है कि वहां से एक साइकल भी पार नहीं हो सकती, इसके बाद भी जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे। रास्ता बड़े-बड़े गड्ढों में तब्दील हो गया है। ग्रामीणों द्वारा व्यवस्था को दुरुस्त करने कई बार मांग कर चुके है लेकिन इसके बावजूद भी जिला प्रशासन ने आजतक कोई सुध नहीं ली। ग्रामीणों ने जब धक्का दिया तब एंबुलेंस निकली और फिर मरीज को लेने गांव पहुंची।

जीवन रक्षक की बदहाल स्थिति
अचानक तबियत बिगडऩे…, प्रसव पीड़ा, हादसे का शिकार होने सहित अन्य गंभीर समस्या पर लोगों को तत्काल उपचार मिले इसके लिए सरकार ने 108 एंबुलेंस की व्यवस्था की गई है। लेकिन जिले में जीवनरक्षक एक बार फिर दम तोड़ चुकी है। शहर में एक एडवांस लाइफ सपोर्ट और बेसिक लाइफ सपोर्ट मिली हैं, लेकिन पेसेंट केयर सपोर्ट के कई दिनों से पहिये थमे है। कुठला, बिलहरी और स्लीमनाबाद की तो कबाड़ हो चुकी हैं। इस परिस्थिति में प्रतिदिन कई कॉल ड्राप हो रही हैं और मरीजों को गंभीर परिस्थिति में ऑटो, बाइक व अन्य निजी साधनों से लाना पड़ रहा है। एंबुलेंस कंपनी जिगित्सा केयर एंबुलेंस की बदहाल स्थिति को सुधारने कोई ध्यान नहीं दे रही। हैरानी की बात तो यह है कि इस ओर न तो सीएमचओ और ना ही जनप्रतिनिधियों का ध्यान है। जीवरक्षक जिले में दिखावा साबित हो रही है।

तीन एंबुलेंस तो कई दिन से बंद
एंबुलेंस चालक बदहाल व्यवस्था का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिले की तीन 108 एंबुलेंस पिछले कई माह से बंद खड़ी हैं। ये एंबुलेंस महीनों से एजेंसी में सुधार के लिए पड़ी हैं। इसमें बिलहरी, स्लीमनाबाद और कुठला की एंबुलेंस खराब हैं। कुठला की एंबुलेंस तो तीन माह से अधिक खराब हुए हो गए हैं। अन्य स्वास्थ्य केंद्रों में अटैच 108 एंबुलेंस की व्यवस्था भी बेपटरी हैं। बहोरीबंद, ढीमरखेड़ा व रीठी की एंबुलेंस भी दम तोड़ चुकी हैं। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार ये एंबुलेंस एक या दो दिन चलती हैं और फिर कुछ न कुछ खराबी आने के कारण बंद हो जाती हैं।

संयुक्त संचालक के निर्देश भी नहीं आए काम
लगभग दो माह पहले संयुक्त संचालक रंजना गुप्ता स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा करने पहुंची थी। इस दौरान जिला अस्पताल का निरीक्षण किया था। इस पर उनका ध्यानकर्षण एंबुलेंस की बदहाल व्यवस्था से कराया गया था। इस पर संयुक्त संचालक ने फटकार लगाते हुए तत्काल व्यवस्था सुधार के निर्देश दिए, लेकिन अबतक व्यवस्था नहीं सुधरी।

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