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कटनी

अमेरिका से आया फॉल आर्मी वर्म बर्बाद करेगा मक्का

अमेरिका से आया फॉल आर्मी वर्म बर्बाद करेगा मक्का

कटनीJun 05, 2019 / 12:36 am

Sanjay Tiwari

amerika se aaya phol aarmee varm barbaad karega makka

amerika se aaya phol aarmee varm barbaad karega makka

कटनी। मक्के की फसल को तबाह करने वाला अमेरिका का रोगाणू फॉल आर्मी वर्म भारत पहुंच चुका है। भारत में पहुंचे इस कीट के प्रकोप को देखते हुए जिले के कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक भी सतर्क हो गए। प्रकोप से फसल को बचाने के लिए संगोष्ठी का आयोजन किया। किसानों को बुलाकर फसल बचाव की जानकारी दी। कृषि विज्ञान केंद्र कटनी के वैज्ञानिकों ने बताया कि आगामी खरीफ मौसम में मक्का फसल में एक नया कीट फॉल आर्मी वर्म जो बहुभक्षी एवं तंबाकू की इल्लियों के परिवार का है।
रबी मौसम में इस कीट का प्रकोप पूरे दक्षिण भारत व रबी मौसम में मक्का की खेती होती है वहां देखा गया है। इस कीट का जीवन चक्रएवं इसकी नमी व तापमान की आवश्यकताओं को देखते हुए खरीफ मौसम में इसका गंभीर प्रकोप संभावित है। इस कीट का सर्वाधिक प्रभाव मक्का की फसल पर होता है। वैज्ञानिकों ने बताया कि कीट के नियंत्रण हेतु किसान ग्रीष्मकालीन गहरी जुताई करके शंखी अवस्था को नष्ट करें। समय पर बुआई करें। मानसून पूर्व शुष्क बोनी ज्यादा प्रभावी है। शुष्क बोनी नही करने पर मानसून वर्षा के साथ ही बुआई करे। संगोष्ठी के दौरान डॉ. एके तोमर, डॉ.अलोक कुमार दुबे, डॉ.आरपी बेन व डॉ. अर्पिता श्रीवास्तव मौजूद रहीं।
जैविक उपाय में यह करें उपयोग-जैविक कीटनाशक के रूप में बीटी एक किलोग्राम प्रति हेक्टेयर या बिवेरिया बेसियाना 1.5 लीटर प्रति हेक्टेयर की छिडक़ाव सुबह या शाम के समय करें।
यह भी करें किसान- इस कीट के प्रबंधन के लिए वैज्ञानिकों ने सलाह दी है कि ग्रीष्मकालीन गहरी जुताई कर शंखी अवस्था को नष्ट करें। समय पर बुआई करें। मानसून बारिश के साथ बुवाई करें। नत्रजन की मात्रा का प्रयोग अधिक ना करें। जिन क्षेत्रों में खरीफ की फसल ली जाती है, उन क्षेत्रों में ग्रीष्मकालीन मक्का ना ले। अनुशंसित फसल चक्र अपनाएं। अंतरवर्ती फसल के रूप में दलहनी फसल मूंग, उड़द लगाए। प्रारंभिक अवस्था में लकड़ी का बुरादा, राख एवं बारीक रेत पौधे की पोंगली में डाले।
ऐसे करें बचाव
-जैविक कीटनाशक के रूप में बीटी-1 किग्रा प्रति हेक्टेयर व बिवेरिया बेसियाना 1.5 लीटर प्रति हेक्टेयर का छिडक़ाव सुबह व शाम के समय करें।
-लगभग 5 प्रतिशत प्रकोप होने पर रासायनिक कीटनाशक के रूप में फ्लेबेंडामाइट 20 डब्ल्यू डीजी 250 ग्राम प्रति हेक्टर या स्पाइनोसेड 45 इसीए 200.250 ग्राम प्रति हेक्टर या इथीफेनप्रॉक्स 10 इसी 1 लीटर प्रति हेक्टर या एमिमामेक्टिन बेंजोएट 5 एसजी का 200 ग्राम प्रति हेक्टर में कीट प्रकोप की स्थिति अनुसार 15 से 20 दिन के अंतराल पर 2 से 3 बार छिडक़ाव बुआई के बाद 15 दिन की अवधि में आवश्यक करें।
-दानेदार कीटनाशकों का उपयोग पौधे की पोंगली में 5 से 7 दाने प्रति पोंगली

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