पहले माह में एक बार डाटा लेने से ट्रिपिंग की नहीं मिलती थी जानकारी:
अभी तक माह में सिर्फ एक बार ही बिजली सबस्टेशन से खर्च हुई बिजली की जानकारी ली जाती है। इसके बाद एनालिसिस किया जाता है। फिर डाटा को वरिष्ठ कार्यालय भेजा जाता है। इसमें समय लगता है और फाल्ट के बारे में भी पता नहीं चल पाता है। इंजीनियर द्वारा बनाए गए एप से सबस्टेशन में खर्च होने वाली बिजली का डेटा हर 15 मिनट में स्टोर होगा। इससे हर दिन सबस्टेशन में कितनी बार बिजली चालू और बंद हुुई इसकी जानकारी आसानी से मिल जाएगी। मीटर रीडिंग के लिए वाहन से सबस्टेशन तक जाने वाले वाहन खर्च, कर्मचारी व समय की बचत होगी।
इनका कहना है:
सब स्टेशन में जो एचपी मीटर लगे है उसका डाटा हर 15 मिनट में स्टोर होता है। उस डेटा को लाने के लिए कर्मचारी, वाहन व समय लगता था। एप के माध्यम से जल्दी पता चल जाएगा। पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर तैयार किया जा रहा है। एमडी नंदकुमारम आए थे, उन्होंने कुछ ऐसा निर्देश दिया था कि ऐसा एप बनाओ की मोबाइल से ही मीटर का डाटा लिया जाएगा।
शशांक शुक्ला, इंजीनियर
इनका कहना है:
बिजली ट्रिपिंग का पता लगाने, समय की बचत व उपभोक्ताओं को बिजली सप्लाई की बेहतर सुविधा को लेकर एप बनाया गया है। इसे बिजली कंपनी के जिले के एक इंजीनियर द्वारा तैयार किया गया है। पूरी तरह से एप के डेवलप हो जाने पर सभी सब स्टेशनों में इसको लगाया जाएगा।
पीके मिश्रा, अधीक्षण यंत्री, विद्युत वितरण कंपनी