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अंधेरे में भविष्य: यहां एक दिन छोड़कर लग रहीं मोहल्ला क्लासें, दूसरे दिन खेलकूद में समय गवां रहे बच्चे

locationकटनीPublished: Oct 10, 2020 09:13:39 am

Submitted by:

balmeek pandey

कोरोना काल में चल रहीं कक्षाओं से ठीक से नहीं जुड़ पा रहे विद्यार्थी, मॉनीटरिंग न होने से कई जगह जारी है मनमानी

अंधेरे में भविष्य: यहां एक दिन छोड़कर लग रहीं मोहल्ला क्लासें, दूसरे दिन खेलकूद में समय गवां रहे बच्चे

अंधेरे में भविष्य: यहां एक दिन छोड़कर लग रहीं मोहल्ला क्लासें, दूसरे दिन खेलकूद में समय गवां रहे बच्चे

कटनी/पिपरिया सहलावन. वैश्विक महामारी कोरोना काल के चलते कक्षा पहली से आठवीं तक की कक्षाएं स्कूलों में लगना बंद हैं। ऐसे में अब शिक्षक गांव के रंगमंच में तो कहीं चौक-चबूतरों या घरों की दहलान में बच्चों को बिठाकर उन्हें पढ़ाते हुए देखने मिलते हैं। खास बात यह है कि ये मोहल्ला क्लासें क्षेत्र में एक-एक दिन छोड़कर लगती हैं। पालकों ने बताया जिसका प्रभाव बच्चों की पढ़ाई में पड़ता है। एक दिन पढ़ते हैं और दूसरे दिन बच्चे छुट्टी मिलने पर ढंग से पढ़ाई नहीं कर पाते। पूरा दिन खेल में गंवा देते हैं, जबकी इन मोहल्ला क्लासों को रोज लगाये जाने की जरूरत है। ताकि बच्चों की पढ़ाई न पिछड़े। गुरुवार को जब क्षेत्र के कुछ गांवों में जाकर मोहल्ला क्लासों की जानकारी ली गई, तब हकीकत सामने आई। कुछ शिक्षक तो बच्चों को शिक्षा देते देखने मिले तो कुछ समय से पहले ही इन मोहल्ला क्लासों को बंद करके अपने घर को निकल गए। वहीं कुछ शिक्षक तो स्कूल तक ही नहीं पहुंचे। भटगवां और भटेरा गांव में मोहल्ला क्लास लगीं नहीं मिली। पालकों ने ये भी बताया कि उनके मोहल्ले में ये क्लास ही नहीं लगती। ऐसे में मोहल्ला क्लासें महज औपचारिकता सी जान पड़ती हैं।

यह हैं कक्षाओं के हालात
पिपरिया सहलावन के रामकुंडी मोहल्ले में बने रंगमंच में कक्षा एक से लेकर पांच के बीच के करीब दस बच्चों को बिठाकर उन्हें शिक्षा दे रहे शिक्षक शिवपाल परस्ते से जब मोहल्ला क्लास को लेकर जानकारी ली गई तो बताया कि वो सप्ताह में एक-एक दिन छोड़कर सुबह साढ़े दस से डेढ़ बजे तक यहां मोहल्ला क्लास लगा रहे हैं। ये कक्षाएं अगस्त से लग रही हैं। शेष के दिन गांव में विजयपाल चक्रवर्ती के यहां ये क्लास लगती है, जिसका असर भी यह हुआ कि बच्चों में पढऩे की ललक से प्रेरित होकर पालकों ने खुद-ब-खुद सरकारी स्कूल में जाकर अपने बच्चों का दाखिला कराया है। वहीं झुनकी में शिक्षक राजेश दुबे द्वारा नरेश कोल के घर के समीप बने चबूतरे में बैठकर बच्चों को पढ़ाया जा रहा था।

यहां भी जारी है मनमानी
इसी तरह ग्राम भसेड़ा में पंडा बाबा के चबूतरा के पास कंचे का खेल खेल रहे कक्षा तीसरी से आठवीं के छात्र-छात्रा शालनी, निधी, मेघा, संध्या, मिधलेश, सतोष, शाहिल आदि से जब क्लास लगने की बात पूछी गई तो बताया कि इनमें से कुछ छात्र टोला स्कूल के हैं, तो बाकी के नाम भटगवां स्कूल में लिखे हैं। यहां भैयालाल के घर में एक-एक दिन के अंतराल में मोहल्ला क्लास लगती है। जिसकी गुरुवार को छुट्टी है। इस बारे में क्षेत्र के हाइस्कूल पिपरिया सहलावन के प्रभारी प्राचार्य केएलबेन ने बताया कि अभी कक्षा पहली से आठवीं तक के बच्चों के स्कूल लगाने शाशनस्तर से कोई निर्देश नहीं हैं। 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ मोहल्ला क्लास के माध्यम से शोषल डिस्टेंस और अधिकतम दस बच्चों को बिठाकर शिक्षकों था द्वारा पढ़ाई कराई जानी है।

ऑनलाइन पढ़ाई से भी महरूम बच्चे
एक-एक दिन के अंतराल पर मोहल्ला क्लास लगाए जाने या किसी-किसी मोहल्ले में बिल्कुल भी ये क्लासें संचालित न हो पाने की जानकारी व कई पालकों के पास एंड्रायड मोबाइल भी न होने से इसका असर बच्चों की पढ़ाई पर पडऩे की समस्या को कुछ पालक पूर्व में भी व्यक्त कर चुके हैं। जिस पर हम शिक्षकों से इस बात पर चर्चा कर चुके हैं। जिस पर उनके द्वारा कहा जा रहा है, की जिस दिन मोहल्ला क्लास नहीं लगती उसदिन हमारे द्वारा आनलाइन पढ़ाई के माध्यम से बच्चों को शिक्षा देने का काम किया जाता है। अब आगे जनशिक्षक के सहयोग से अपने हाइस्कूल के कार्यक्षेत्र में आने वाले पोषक स्कूलों का भ्रमणकर शिक्षकों से बच्चों की पढ़ाई पर विशेष ध्यान दिए जाने निर्देशित किया जाएगा।

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