पत्रिका को प्राप्त दस्तावेज के अनुसार नगर निगम और जिला प्रशासन के अधिकारियों ने परिसीमन के दौरान 5 वार्ड में औसत जनसंख्या से ज्यादा आबादी कर दी तो 10 वार्ड में औसत से कम जनसंख्या बनाकर ही प्रस्ताव भेज दिया। अब भोपाल से प्रस्ताव बिना अनुमोदन वापस आने के बाद संबंधित अधिकारी और जनप्रतिनिधि बैकफुट पर हैं।
परिसीमन प्रस्ताव पर कलेक्टर एसबी सिंह बताते हैं कि कटनी नगर निगम में वार्डों का विस्तार नियम 1994 के नियम (2) अनुसार नहीं होने संबंधी पत्र आयुक्त नगर निगम को भेजकर संशोधित प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए गए हैं।
इधर महापौर शशांक श्रीवास्तव ने बताया कि नगर निगम के अधिकारियों ने परिसीमन के दौरान खुलेआम नियमों को ताक पर रखकर काम किया। मनमानी की। भोपाल से आपत्ति लगने के बाद अधिकारियों की कारगुजारी बाहर आई है। कई वार्ड जहां से कांग्रेसी पार्षद बनना चाह रहे हैं वहां जनसंख्या बहुत कम कर दी गई, ताकि वे आसानी से चुनाव जीत सकें। उन्होंने जनसंख्या ब्लॉक तोडऩे पर भी कार्रवाई की मांग करने की बात कही है।
ऐसे समझें वार्डों की औसत जनसंख्या का गणित
2011 की जनसंख्या के अनुसार 2 लाख 21 हजार 883 है। इस आधार पर वार्ड की औसत जनसंख्या 4930 होगा। इस आधार पर वार्डों की 15 प्रतिशत अधिक औसत जनसंख्या 5671 और 15 प्रतिशत कम औसत जनसंख्या 4191 होगा। यानि किसी भी वार्ड में अधिक और कम जनसंख्या से ज्यादा व कम कुल मतदाता नहीं होने चाहिए।
पांच वार्ड में औसत 15 प्रतिशत से अधिक 24.50 प्रतिशत तक मतदाता
– वार्ड क्रमांक 11 जगमोहन दास वार्ड।
– वार्ड क्रमांक 14 राजीव गांधी वार्ड।
– वार्ड क्रमांक 17 पंडित दीनदयाल वार्ड।
– वार्ड क्रमांक 27 मदनमोहन चौबे वार्ड।
– वार्ड क्रमांक 29 बाबू बंशस्वरुप वार्ड।
इन वार्डों में औसत 15 प्रतिशत से 32.78 प्रतिशत तक कम मतदाता
– वार्ड क्रमांक 07 गणेश प्रसाद मसुरहा वार्ड।
– वार्ड क्रमांक 09 महात्मागांधी वार्ड।
– वार्ड क्रमांक 22 गुरुनानक वार्ड।
– वार्ड क्रमांक 24 ईश्वरीपुरा वार्ड।
– वार्ड क्रमांक 25 वल्लभदास अग्रवाल वार्ड।
– वार्ड क्रमांक 26 महारानी लक्ष्मीबाई वार्ड।
– वार्ड क्रमांक 30 सीएलपी वार्ड।
– वार्ड क्रमांक 33 फॉरेस्टर वार्ड।
– वार्ड क्रमांक 36 डॉ. राजेंद्र प्रसाद वार्ड।
– वार्ड क्रमांक 43 महाराणा प्रताप वार्ड।