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इस शहर में पूरी हुई गुरू ‘द्रोण’ की तलाश, अब खिलाड़ी बनेंगे ‘अर्जुन’, ख़िलाड़ी यहां करें संपर्क

locationकटनीPublished: Mar 31, 2019 05:53:27 pm

Submitted by:

balmeek pandey

शहर को मिली तीरंदाजी केंद्र की सौगात, सामग्री पहुंचते ही झिंझरी स्पोट्र्स सेंटर में खेल विभाग शुरू कराएगा प्रैक्टिस

Archery Center to be built in Katni

Archery Center to be built in Katni

कटनी. क्रिकेट…, शतरंज, कराटे, कुश्ती सहित अन्य खेलों में जिले के खिलाड़ी लोहा मनवा चुके हैं। अब जिले के खिलाडिय़ों को एक और मंच पर प्रतिभा निखारने और लोहा मनवाने का अवसर मिलेगा। यह संभव हो रहा है जिले को मिली तीरंदाजी सेंटर की। कहते हैं लगे तो तीर, वरना तुक्का.. यह कहावत बिल्कुल सही है लेकिन अगर सही तरीके से कोशिश की जाए तो आर्चरी यानी तीरंदाजी में काफी गुंजाइश है। तीरंदाजी भारत की एक प्राचीन कला है। रामायण के नायक श्रीराम और महाभारत के पांडव, विशेषकर अर्जुन तीरंदाजी में उत्कृष्ट योद्धा थे। महाभारत कालीन भील बालक एकलव्य ने गुरु द्रोणाचार्य की प्रतिमा बनाकर उनसे तीरंदाजी का कौशल सीखा था। प्राचीन समय में आत्मरक्षा के लिए यही एक विश्वसनीय हथियार माना जाता था। देश के आदिवासी बाहुलय क्षेत्रों में यह खेल एक प्रतियोगिता के रूप में खेला जाता है। आज यह कला फिर से जीवित हो रही है। यह गांवो, शहरों, राज्यों, अंतर्राज्यों और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक खेल के रूप में सामने आई है। जिस तरह से द्वापर युग में अर्जुन ने गुरू द्रोण से धनुर्विद्या सीखी तो वहीं एकलव्य ने भी महान धुनर्धर बना था। अब उसी तर्ज पर शहर के युवा भी तीरंदाजी में हाथ आजमाकर नए कॅरियर की तलाश करेंगे।

शीघ्र आएगी सामग्री
खेल एवं युवा कल्याण विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के खिलाडिय़ों के लिए खेल में एक और नया आयाम मिलेगा। तीरंदाजी में प्रयोग किए जाने वाला तीर तरकश (तीर रखने का पात्र) दस्ताना, हस्त कवच, कमान की खिंचाव की जांच का यंत्र आदि शीघ्र ही खेल विभाग भोपाल से कटनी पहुंचेंगे। जिला खेल अधिकारी विजय भार ने बताया कि तीरंदाजी में विभिन्न रंग की वृत्ताकार ***** पर निशाना साधा जाता है। जिस पर विभिन्न रंग के वलय बने रहते हैं। इसके बाहा वलय का रंग सफेद तथा केंद्र वृत्ताकार आकार में सुनहरे रंग का होता है। इन वलयों पर लक्ष्य संधान के आधार पर अंक निर्धारित किए जाते है, सफेद बाहर की ओर 1 अंक सफद अंदर की ओर 2 अंक, काला बाहर की ओर 3 अंक, काला अंदर की ओर 4 अंक, नीला बाहर की ओर 5 अंक, नीला अंदर की ओर 6 अंक, लाला बाहर की ओर 7 अंक, लाल अंदर की ओर 8 अंक, सुनहरा बाहर की ओर 9 अंक, सुनहरा अंदर की ओर 10 अंक मिलते हैं।

तीरंदाजी में स्कोर की स्थितियां
तीरंदाजी में लंबी दूरी के लिए स्कोर 6 तीरों के बाद तथा कम दूरी के लिए तीन तीरों के बाद किया जाता है। लक्ष्य के पार निकलने वाले तीरो में खिलाडिय़ों को तभी स्कोर मिलता है, जब लक्ष्य को तीर पार कर दे। लक्ष्य तक न पहुंचने की स्थिति में खिलाड़ी को स्कोर नहीं मिलता, लक्ष्य से टकराकर वापस लौटने वाले तीर पर भी खिलाड़ी को लक्ष्य के अनुसार स्कोर मिलता है। तीरंदाजी प्रतियोगिता के निर्धारित चक्र पूरे होने पर जो खिलाड़ी सबसे अधिक अंक अर्जित कर लेता है, उसे विजेता घोषित किया जाता है।

झिंझरी में संचालित होंगा केंद्र
खेल विभाग भोपाल से तीरंदाजी में प्रयुक्त होने वाली सामग्री आते ही प्रैक्टिस शुरू हो जाएगी। तीरंदाजी सेंटर जिला न्यायालय के समीप झिंझरी में बने स्पोट्र्स सेंटर में खोला जाएगा। इस शहर से दूर रखे जाने का निर्णय इसलिए लिया गया है, क्योंकि इसमें तरकश से तीर निकलने पर चोटिल होने का खतरा बना रहता है। एकांत में केंद्र रहेगा तो खुलकार खिलाड़ी तीरंदाजी में हुनर दिखा सकेंगे।

इनका कहना है
शहर में तीरंदाजी केंद्र खोलने की स्वीकृति मिल गई है। शीघ्र ही विभाग से सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी। सामग्री आते ही झिंझरी स्थित स्पोट्र्स सेंटर में तीरंदाजी की प्रैक्टिस शहर के युवक-युवतियों को कराई जाएगी। अब जिले के युवाओं को नए क्षेत्र में प्रतिभा प्रदर्शन का मौका मिलेगा।
विजय भार, जिला खेल एवं युवा कल्याण अधिकारी।

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