कटनी

जहां बाघों का मूवमेंट वहां नदी का सीना छलनी कर रहे रेत माफिया

– बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के बफर क्षेत्र से लगे कटनी जिले के जाजागढ़ में मनमाना रेत खनन.
– ग्रामीणों ने कहा रेत माफिया की पीठ पर प्रभावशाली नेता का हाथ, अधिकारी नहीं जुटा पा रहे कार्रवाई की हिम्मत.

कटनीFeb 24, 2022 / 03:23 pm

raghavendra chaturvedi

– वनसीमा में नदी के अंदर मशीन लगाकर कई फिट गहराई से निकाली जा रही रेत.- नदी किनारे अवैध तरीके से रैंप बनाकर भारी वाहनों को ले जा रहे अंदर तक. – जाजागढ़ के जंगल में पेड़ों के बीच रेत का पहाड़. -एक साथ तीन हाइवा में जंगल के अंदर भरी जा रही रेत.

कटनी. बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व बफर क्षेत्र से लगे कटनी जिले के जाजागढ़ और आसपास बाघों के मूवमेंट वाले क्षेत्र में रेत माफिया खुलेआम नदियों का सीना छलनी कर रहे हैं। नदी किनारे रैंप बनाकर भारी वाहनों को घाट तक ले जा रहे हैं। जंगल के अंदर से गुजरने वाली नदी में पंप लगाकर कई फिट गहराई तक रेत का अवैध खनन किया जा रहा है।

आसपास गांव के ग्रामीणों ने बताया कि बिरुहली में काफी अंदर तक वनक्षेत्र में रेत खनन की अवैध गतिविधियां संचालित हो रही है। रेत माफिया की पीठ पर प्रभावशाली नेता का हाथ होने के कारण अधिकारी भी कार्रवाई की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। जाजागढ़ वनक्षेत्र में जंगल के अंदर रेत का स्टॉक कर पहाड़ बना दिया गया है। रेत परिवहन के लिए जंगल में भारी वाहनों का खुलेआम प्रवेश हो रहा है।

बतादें कि रेत के मनमाने खनन और परिवहन पर कार्रवाई के लिए कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने पहले भी राजस्व, वन, परिवहन और पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। मनमाने खनन को लेकर कटनी के खनिज अधिकारी संतोष सिंह बताते हैं कि शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाती है। राजस्व, आरटीओ, वन विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम भी कार्रवाई करती है। ज्यादा गहराई में रेत निकाली जा रही है तो जांच करवाकर कार्रवाई करेंगे।

ऐसे हो रहा मनमाना खनन
– जंगल के अंदर नदियों से कई फिट गहराई में रेत निकाली जा रही है। पर्यावरण मानकों ताक पर रख दिया गया है। टाइगर रिजर्व प्रबंधन, वन विभाग और प्रदूषण नियंत्रण विभाग के जिम्मेदारों ने चुप्पी साध रखी है।
– जिले में कई रेत घाट में ज्यादा गहराई के कारण पूर्व में भी कई बच्चों की डूबने से मौत तक हो गई है।
– रेत का अवैध परिवहन मैहर, सतना व अन्य जिलों में हो रहा है। रास्ते में पुलिस द्वारा वाहनों की जांच नहीं की जाती है। पुलिस ग्रामीणों के ट्रैक्टर पकड़कर ही रेत पर कार्रवाई की कोरम पूरा कर रही है।

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