scriptबांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के बफर जोन से लगे संवदेनशील क्षेत्र में माफियाओं का कारनामा | Bandhavgarh Tiger Reserve, Buffer Zone, Mafia, Sand, Sensitive Zone | Patrika News

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के बफर जोन से लगे संवदेनशील क्षेत्र में माफियाओं का कारनामा

locationकटनीPublished: Mar 17, 2021 06:35:01 pm

जाजागढ़ में छलनी कर रहे पिपहि नदी का सीना, अधिकारी एक दूसरे पर थोप रहे जवाबदेही

Bandhavgarh Tiger Reserve, Buffer Zone, Mafia, Sand, Sensitive Zone

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कटनी। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के बफर एरिया से लगे संवेदनशील क्षेत्र जाजागढ़ के पिपहि नदी में रेत माफियाओं की कारगुजारियां थमने का नाम नहीं ले रही हैं। यहां रेत खनन में खुलेआम मनमानी बरती जा रही है। पानी के अंदर से रेत निकाली जा रही है। जानकार बताते हैं कि जाजागढ़ बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व का संवदेनशील क्षेत्र है, यहां वन्यप्राणियों का मूवमेंट बना रहता है। जंगल के अंदर तक नदियों से रेत खनन से पानी का बहाव प्रभावित होगा। रेत के मनमाने खनन पर बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व और जिले के राजस्व विभाग के अधिकारी एक दूसरे पर जवाबदेही की बात कहकर कार्रवाई करने से बच रहे हैं।
हमारे एरिया में खनन होगा तो करेंगे कार्रवाई
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर विसेंट रहीम ने बताया कि जाजागढ़ स्थित पिपहि नदी में रेत खनन बफर एरिया या संवदेनशील क्षेत्र में होगा तो कार्रवाई की जाएगी। करीब तीन माह पहले ऐसी एक शिकायत में जांच करने टीम गई थी खनन का क्षेत्र राजस्व एरिया का निकला था। फिर भी वर्तमान परिस्थितियों की जांच करवाएंगे।
वन विभाग को देखना चाहिए, मनमाना खनन पर करवाएंगे जांच
बरही तहसीलदार सच्चिदानंद त्रिपाठी ने बताया कि जाजागढ़ स्थित पिपहि नदी में मनमाना खनन पर वन विभाग को कार्रवाई के लिए देखना चाहिए। राजस्व एरिया में खनन हो रहा है तो हम जांच करवाएंगे। तीन माह पहले जांच के दौरान ऐसा कुछ मामला सामने नहीं आया था। अगर रेत का अवैध खनन किया जा रहा है तो कार्रवाई की जाएगी।
रेत का अवैध खनन व परिवहन रोकने में काम न आया कलेक्टर का आदेश
जिलेभर में रेत व दूसरी खनिज का अवैध खनन और परिवहन रोकने के लिए कलेक्टर द्वारा जनवरी माह के अंतिम सप्ताह में निर्देश जारी कर कर्मचारियों व पटवारियों की ड्यूटी लगाई थी। जानकर ताज्जुब होगा कि दो माह में कलेक्टर का आदेश फाइलों में ही दबकर रह गया। कलेक्टर प्रियंक मिश्रा फरवरी माह में की गई महज सात प्रकरणों को बेहतर कार्रवाई बता रहे हैं। जबकि मनमानी पर प्रभावी नियंत्रण के लिए स्थापित जांच नाकों से निकलने वाले खनिज वाहनों में ईटीपी की सघन जांच के निर्देश दिए गए थे।
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