र्षोल्लास के साथ भगवान जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा निकाली। रथ पर बलभद्र और सुभद्रा के साथ विराजमान भगवान जगन्नाथ की झांकी का श्रृंगार बहुत ही सुंदर और भव्य किया गया था। भक्त जय-जय जगन्नाथ के जयघोष के साथ रथ को श्रद्धापूर्वक और भक्तिभाव से खींचते हुए ले जा रहे थे। इस दौरान रथ यात्रा जहां से भी जा रही थी, लोग भगवान का पूजन कर आर्शीवाद प्राप्त किया। इस दौरान रथ खींचते भक्तों की भारी संख्या देखते ही बनती थी। अब सात दिनों तक भगवान जगन्नाथ सब्जी मंडी स्थित राधा-कृष्ण मंदिर में विराज गए हैं। विजयराघवगढ़ और उमरियापान में भी धूमधाम से रथयात्रा निकाली गई।
पूजन के बाद हुई शुरुआत
भगवान जगदीश स्वामी की भव्य रथयात्रा पूजन के साथ जगदीश मंदिर चांडक चौक से निकाली गई। यात्रा में हर ओर गुलाब की पंखुडिय़ों समेत अबीर-गुलाल उड़ रहा था। निर्धारित मार्ग से रथयात्रा धीरे-धीरे राधाकृष्ण मंदिर पहुंचकर संपन्न हुई। इन मार्गों से निकली रथयात्रा भगवान जगन्नाथ स्वामीजी की रथयात्रा जगन्नाथ तिराहा से प्रारंभ होते हुए आजाद चौक, शेर चौक, लक्ष्मीनारायण मंदिर, झंडा बाजार, सुभाष चौक, कमानिया गेट होते हुए सब्जी मंडी स्थित श्रीराधा-कृष्ण मंदिर पहुंची। रथयात्रा के मद्देनजर सुरक्षा, सफाई व प्रकाश की व्यवस्था की गई थी। यात्रा में पुलिस अधिकारियों सहित कोतवाली, माधवनगर, कुठला व एनकेजे थाने का बल मौजूद रहा।
भगवान जगदीश स्वामी की भव्य रथयात्रा पूजन के साथ जगदीश मंदिर चांडक चौक से निकाली गई। यात्रा में हर ओर गुलाब की पंखुडिय़ों समेत अबीर-गुलाल उड़ रहा था। निर्धारित मार्ग से रथयात्रा धीरे-धीरे राधाकृष्ण मंदिर पहुंचकर संपन्न हुई। इन मार्गों से निकली रथयात्रा भगवान जगन्नाथ स्वामीजी की रथयात्रा जगन्नाथ तिराहा से प्रारंभ होते हुए आजाद चौक, शेर चौक, लक्ष्मीनारायण मंदिर, झंडा बाजार, सुभाष चौक, कमानिया गेट होते हुए सब्जी मंडी स्थित श्रीराधा-कृष्ण मंदिर पहुंची। रथयात्रा के मद्देनजर सुरक्षा, सफाई व प्रकाश की व्यवस्था की गई थी। यात्रा में पुलिस अधिकारियों सहित कोतवाली, माधवनगर, कुठला व एनकेजे थाने का बल मौजूद रहा।
झांकियों ने मोहा मन
रथयात्रा के पीछे-पीछे देवी-देवताओं का स्वरूप लिए बच्चे और बड़े विराजे हुए थे। इसके साथ बैंड की धुन पर श्रद्धालु नृत्य करते चल रहे थे। रथयात्रा में अखाड़ों की मनोरम झाकियां, नर्तक आकर्षण का केंद्र रहे। लोग जय राधा माधव, जगन्नाथ के भात को जगत पसारे हाथ, जय कृष्ण मुरारी समेत अनेक भजन गाते हुए चले रहे थे। कई जगहों पर लोगों ने पुष्पवर्षा के साथ आरती भी उतारी। रथयात्रा के दौरान श्रद्धालुओं ने रथ खींचने की होड़ लगी रही। शाम को 5 बजे के लगभग शुरू हुई रथयात्रा देररात सब्जी मंडी स्थित मंदिर पहुंची, जहां पूजन के बाद भगवान स्थापित किए गए।
रथयात्रा के पीछे-पीछे देवी-देवताओं का स्वरूप लिए बच्चे और बड़े विराजे हुए थे। इसके साथ बैंड की धुन पर श्रद्धालु नृत्य करते चल रहे थे। रथयात्रा में अखाड़ों की मनोरम झाकियां, नर्तक आकर्षण का केंद्र रहे। लोग जय राधा माधव, जगन्नाथ के भात को जगत पसारे हाथ, जय कृष्ण मुरारी समेत अनेक भजन गाते हुए चले रहे थे। कई जगहों पर लोगों ने पुष्पवर्षा के साथ आरती भी उतारी। रथयात्रा के दौरान श्रद्धालुओं ने रथ खींचने की होड़ लगी रही। शाम को 5 बजे के लगभग शुरू हुई रथयात्रा देररात सब्जी मंडी स्थित मंदिर पहुंची, जहां पूजन के बाद भगवान स्थापित किए गए।