भारतीय रेलवे में यह बदलाव देश में पहली बार 1853 में 16 अप्रैल को मुंबई से ठाणे के बीच ट्रेन चलने के पूरे 169 साल बाद हुआ है। देश में पहली बार चली ट्रेन ने चार सौ लोगों को लेकर 34 किलोमीटर की दूरी तय की थी। तबसे रेलवे में गार्ड की सेवाएं चल रही है। उस समय शायद किसी ने भी यह अंदाजा नहीं लगाया रहा होगा कि बदलते समय के साथ रेलवे देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
इस बीच रेलवे बोर्ड ने गार्ड का पदनाम पूरे 169 साल बाद बदला है। अब गार्ड ट्रेन मैनेजर कहलाएंगे। मालगाड़ी के गार्ड हैं तो गुड्स ट्रेन मैनेजर और यात्री ट्रेन में सेवाएं देने वाले गार्ड हैं तो पैसेंजर ट्रेन मैनेजर कहा जाएगा। रेलवे बोर्ड से जारी आदेश के अनुसार अस्टिेंट गार्ड को अस्टिेंट पैसेंजर ट्रेन मैनेजर, गुड्स गार्ड को गुड्स ट्रेन मैनेजर, सीनियर गुड्स गार्ड को सीनियर ट्रेन मैनेजर, सीनियर पैसेंजर गार्ड को सीनियर पैसेंजर ट्रेन मैनेजर और मेल-एक्सप्रेस गार्ड को मेल-एक्सप्रेस ट्रेन मैनेजर कहा जाएगा।