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अजब-गजब खेल: एक ही व्यक्ति दो जगह कर रहा नौकरी, मिल रहा मानदेय और मजदूरी

locationकटनीPublished: Jul 04, 2021 08:28:13 pm

Submitted by:

balmeek pandey

ग्राम पंचायत हिरवारा में हो रहा जमकर भ्रष्टाचार, सरपंच-सचिव की कारगुजारी से किए जा रहे हजारों के वारे-न्यारे

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कटनी. मनरेगा में भ्रष्टाचार अपनी गहरी जड़ें जमा चुका है, इसकी मुख्य वजह जनपद से लेकर जिला पंचायत स्तर के अधिकारियों द्वारा निगरानी न रखा जाना। फर्जी मस्टर जारी करना, मनरेगा में मशीनों से काम कराना तो आम बात हो गई है, लेकिन अब एक ही व्यक्ति की दो जगह हाजरी भरकर हजारों रुपये के वारे-न्यारे किए जा रहे हैं। ऐसा ही एक मामला कटनी जनपद क्षेत्र की ग्राम पंचायत हिरवारा में सामने आया है। यहां पर आदित्य शर्मा से बतौर कम्प्यूटर ऑपरेटर काम लिया जा रहा है, जिन्हें 6 हजार रुपये पंचायत द्वारा मानदेय भी दिया जा रहा है। आदित्य की हाजिरी मनरेगा में भी भरी जा रही है।
बता दें कि मनरेगा में फर्जी हाजिरी भरकर 23 फरवरी से 24 मार्च तक 45 दिन की हाजिरी भरकर 7 हजार 650 रुपये, 21 अप्रैल 20 से 29 अगस्त 20 तक 93 दिन की हाजिरी भरकर 16 हजार 156 रुपये, 8 अप्रैल 21 से 22 जून तक 52 दिन की हाजिरी भरकर 11 हजार 462 रुपये का भुगतान कर दिया गया है। 6 हजार रुपये कम्प्यूटर का मानदेय किया गया वह अलग। ग्रामीणों ने मानें तो ग्राम पंचायत में जमकर मनमानी हो रही है। जिम्मेदार अधिकारियों की सांठगांठ से यह खेल चल रहा है। बता दें कि पूर्व में भी पंचायत में कई गड़बड़ी के मामले सामने आ चुके हैं, इसके बाद भी अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया।

सरपंच-सचिवों का अजीबो-गरीब तर्क
ग्राम पंचायत के सरपंच और सचिव का अजीबो-गरीब तर्क सामने आया है। गांव में बहुत लोग ऐसे होते हैं जिनके पास जॉबकार्ड नहीं होता और वो काम करने आ जाते हैं। ऐसे में हमें उनकी मदद के लिए ऐसा करना पड़ता है। सरपंच का कहना है कि सचिव बताएंगे कि कैसे बिना सील-साइन के कम्प्यूटर ऑपरेटर को मानदेय जारी हो गया। रही बात आदित्य के बतौर कम्प्यूटर ऑपरेटर काम करने व मनरेगा में हाजिरी का तो यह सब करना पड़ता है। आदित्य के खाते में मनरेगा की हाजरी का जारी किए गए रुपये जिनके पास जॉबकार्ड नहीं होते उन्हें दिए जाते हैं। अभी तालाब निर्माण में बहुत हुआ है। कई लोग बिना जॉबकार्ड के काम किए हैं तो ऐसा करना पड़ा है।

इनका कहना है
मैं तो हिरवारा पंचायत में अतिरिक्त काम देख रहा था। सरपंच व ऑपरेटर मुझे मस्टर नहीं दिखाते थे। मैने ऑपरेटर का भुगतान किया है। डबल-डबल भुगतान कैसे हो गया, इसकी मुझे जानकारी नहीं हैं। दो जुलाई को मैं यहां से कार्यमुक्त हो गया हूं।
कृष्णकुमार पटेल, तत्कालीन सचिव हिरवारा।

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