निर्माण को बता देता है गड़बड़
ग्रामीणों ने कलेक्टर केवीएस चौधरी से कहा है कि पूर्व में जो मकान बने हैं वे ३ कॉलम और बजरी से बने हैं। शौचालय भी बजरी से जुड़े हैं, इतना ही नहीं अन्य पंचायतों का भी यही हाल है। हमारे मकान ४ कॉलम, रेत से जुड़े हैं इसके बाद भी फेल बताकर राशि रुकवा दी गई है। महंगाई के इस दौर में उन्हें परेशान किया जाता है। ग्रामीणों ने मांग की है कि बारिश के पूर्व उनके खाते में राशि भेजी जाए ताकि रहने के लिए मकान बना सकें, नहीं तो उन्हें गंभीर परेशानी होगी। ग्रामीणों ने कहा है कि बलाराम सोनी व सरपंच की मनमानी अन्य कामों में भी चल रही है। शीघ्र ही कार्रवाई करने मांग की है।
इन हितग्राहियों से की जा रही मांग
सचिव द्वारा गांव के दो दर्जन से अधिक हितग्राहियों से अवैध रुपयों की मांग की जा रही है। इसमें नोनलाल काछी, अजय कुमार रैदास, सुबिया चौधरी, पप्पू चौधरी, प्रेमलाल चौधरी, गुड्डू, अंतू आदिवासी, अशोक आदिवासी, घीसल, नोनेलाल काछी, नरेश, राजेश कुमार चौधरी, पूरन, आशा बाई, कुंजी कुम्हार, सुरेंद्र आदिवासी, पुरषोत्तम सहित अन्य ग्रामीण पीडि़त हैं।
इनका कहना है
ग्रामीणों ने मामले की शिकायत की है। मामले की जांच कराई जा रही है। शीघ्र ही मामले की जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। हितग्राहियों को शीघ्र राशि मिले ताकि आवास बन सके इसके लिए पहल की जाएगी।
फ्रेंक नोबलए, जिला पंचायत सीईओ।
इनका कहना है
हितग्राही तय मानक के अनुसार पीएम आवास का निर्माण नहीं कर रहे हैं। इसलिए हमने जनपद सीईओ को बोलकर राशि रुकवाई है। क्योंकि भविष्य में मकान कमजोर होने के कारण गिरेंगे तो हमें दिक्कत होगी।
बलराम सोनी, सरपंच पुत्र।