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जानिए 6 हजार रुपये की घूंस लेने वाले नान क्वॉलिटी इंस्पेक्टर को जज ने सुनाई कितने साल की सजा

locationकटनीPublished: Jan 02, 2019 12:46:23 pm

Submitted by:

dharmendra pandey

4 साल से चल रहे रिश्वतखोरी के प्रकरण में विशेष न्यायालय लोकायुक्त की अदालत ने सुनाया सजा का फैसला, 10 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया

Bribery accused convicted

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कटनी. विशेष न्यायालय लोकायुक्त की अदालत ने छह हजार रुपये की रिश्वत लेने वाले नान विभाग के क्वालिटी इंस्पेक्टर हरिकिशन सोनकर को पांच साल की सजा का फैसला सुनाया हैं। साथ ही 10 हजार रुपये के अर्थदंड से भी दंडित किया है।
विशेष लोक अभियोजक अभिषेक मेहरोत्रा ने बताया कि शिकायतकर्ता माधवनगर निवासी बंटू रोहरा की राइस मिल है। उसका छोटा भाई लकी रोहरा कंपनी का प्रोपाइटर है। सिविल सप्लाईज कॉरपोरेशन लिमिटेड से 4 हजार 30 क्विंटल धान मिलिंग का अनुबंध है। जिसके चलते चावल के लाट जमा कराए थे। लाट नंबर 14 को पास करने के लिए नागरिक आपूर्ति (नान) विभाग में क्वॉलिटी इंस्पेक्टर के पद पर पदस्थ हरकिशन सोनकर उससे 6 हजार रुपये रिश्वत की मांग की थी। राशि नहीं मिलने पर इंस्पेक्टर ने अगला लाट पास नहीं करने को कहा था। जिसके बाद 12 सितंबर 14 को बंटू रोहरा जबलपुर जाकर लोकायुक्त पुलिस से शिकायत दर्ज कराई। 15 सितंबर 14 को लोकायुक्त पुलिस ने क्वालिटी इंस्पेक्टर हरकिशन राय को 6 हजार रुपये की रिश्वत लेते सेंट्रल वेयरहाउस कॉर्पोरेशन कार्यालय कटनी के सामने से गिरफ्तार किया था। कार्रवाई प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद विशेष न्यायालय लोकायुक्त की अदालत में अभियोगपत्र पेश हुआ। साक्ष्य के आधार पर न्यायाधीश ने इंस्पेक्टर को दोषी माना। शनिवार को सजा का फैसला सुनाया। भ्रष्ट्राचार अधिनियम की धारा 7 में चार साल की सजा व 5 हजार रुपये का जुर्माना। धारा 13(2) के तहत पांच साल की सजा व 5 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया।
बचाव में आरोपी इंस्पेक्टर ने कहा स्लाट उठवाने में लगी मजदूरी ली थी
सुनवाई के दौरान आरोपी इंस्पेक्टर बचाव में अपना तर्क रखा। आरोपी ने अदालत को बताया कि राइस मिल के मालिक द्वारा पूर्व में लाट वेयर हाउस में जमा कराए थे। गोदाम क्रमांक-1 सी में रखा स्टाक गिर गया था। उससे रिस्टाक कराया गया था। जिसमें छह हजार रुपये मजदूरी लगी थी, लेकिन इंस्पेक्टर का यह कथन काम नहीं आया। अभियोजन के तर्क के आगे झूठा साबित हुआ।
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