scriptशहर में बनाना है मकान तो जरूर पढ़ें यह खबर क्योंकि जारी है यह गंभीर बेपरवाही | Building construction maps are not being released in Katni nagar nigam | Patrika News

शहर में बनाना है मकान तो जरूर पढ़ें यह खबर क्योंकि जारी है यह गंभीर बेपरवाही

locationकटनीPublished: Oct 04, 2020 08:43:34 pm

Submitted by:

balmeek pandey

जून माह से पास नहीं हो रहे नक्शे, कहीं अवैध निर्माण तो कहीं अटका आशियाना, नगर निगम में गजब की भर्रेशाही, आयुक्त न होने के बहाना बनाकर प्रभारी आयुक्तों ने नहीं जारी किए नक्शे, लोग होते रहे परेशान

शहर में बनाना है मकान तो जरूर पढ़ें यह खबर क्योंकि जारी है यह गंभीर बेपरवाही

शहर में बनाना है मकान तो जरूर पढ़ें यह खबर क्योंकि जारी है यह गंभीर बेपरवाही

कटनी. नगर निगम में पिछले चार माह से गजब की भर्रेशाही जारी है। लोगों के काम हो रहे न समस्या की सुनवाई। यहां तक कि नगर निगम में जुलाई माह से नक्शा ही नहीं पास हो रहे, जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में शहर में कहीं पर अवैध निर्माण हो रहे हैं तो कहीं पर लोगों को चार माह से आशियाने का निर्माण ही अटका हुआ है। जानकारी के अनुसार 4 जून को आयुक्त आरपी सिंह का स्थानांतरण होने के एक माह पहले ही नगर निगम में नक्शा पास होना बंद हो गए थे। इसके बाद डीसी अशफाक परवेज कुरैशी व वर्तमान में कार्यपालन यंत्री राकेश शर्मा प्रभारी आयुक्त हैं। 31 अगस्त को आयुक्त की पदस्थापना हुई। नए आयुक्त सतेंद्र धाकड़े आए हैं। कुछ दिनों बाद उनका स्वास्थ्य खराब हो गया और वे अवकाश पर चल रहे हैं। ऐसे में चार माह से शहर की जनता बेहद हैरान और परेशान है। नक्शा पास न होने से सिर्फ मकानों का निर्माण ही नहीं अटका बल्कि नगर निगम भूमि अधिनियम 2012 के नियम 26-27 के अनुसार श्रमिक उपकर, भवन अनुज्ञा शुल्क, मलबा शुल्क, विकास शुल्क, वॉटर हार्वेटिंग शुल्क आदि का भी नुकसान हो रहा है और जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे।

चक्कर काट रहे लोग
नक्शा पास कराने के लिए शहरवासी नगर निगम के चक्कर काट रहे हैं। कंसलटेंट भी परेशान हैं। कंसलटेंस रवि बजाज ने बताया कि चार माह में 16 फाइलें नक्शा की अटकी पड़ी हैं। निर्माण कार्य नहीं हो पा रहा। हरिओमधर बडग़ैया ने बताया 7 जुलाई को तीन फाइल, 22 जुलाई को एक, 28 को 2, 30 को एक, 14, 16 को एक-एक 25 अगस्त को दो फाइल लगी हैं जो अभी तक अटकी हैं। लोगों ने बताया कि बगैर नक्शा के काम शुरू करने पर उपयंत्री अनुज्ञा का पांच गुना पैनाल्टी लगाते हैं, कार्रवाई की धमकी देते हैं, जिससे लोगों को भारी मुसीबत का सामना करना पड़ता है।

खास-खास:
– बाबू जगजीवनराम वार्ड रमा यादव 2016 से नक्शा अटका है। पहले सब इंजीनियर साइड विजिट के लिए टाइम नहीं दिया, लेंटर लेवल पर काम हो गया है। तत्कालीन सब इंजीनियर जेपीएस बघेल ने कहा कि काम नहीं होगा और अब वर्तमान में पवन श्रीवास्तव ने भी ध्यान नहीं दिया।
– नक्शा पास कराकर निर्माण कराने से नियमों के तहत भवन का निर्माण होता है। इसमें पार्किंग, खुली जगह, ऊंचाई, वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम सहित सुरक्षा उपाय आदि का ध्यान रखना पड़ता है।
– आर्किटेक्ट के माध्यम से आवेदन व शुल्क जमा कराकर निर्माण कराने से विकास शुल्क सहित कार्यालय के चक्कर लगाने से मुक्ति मिलती है व निगम नियमों के विपरीत निर्माण होने से कार्रवाई कर सकता है।
– आवेदन के 30 दिवस के अंदर नगर निगम को नक्शा जारी करना होता है अनिवार्य न होने की दशा में लोग मनमाने ढंग से शुरू कर देते हैं निर्माण, क्षेत्रीय यंत्री और उपयंत्री सांठगांठ के चलते नहीं करते कार्रवाई।

केस 01
रामजानकारी वार्ड 18 में हीरालाल विश्वकर्मा मकान के लिए 25 अगस्त को नक्शा पास करान के लिए कंसलटेंट के माध्यम से आवेदन कर चुके हैं, लेकिन अभी तक नक्शा पास नहीं हुआ।

केस 02
प्रताप पाटिल वार्ड नं. 14 राजीव गांधी वार्ड 19 जून को मकान बनाने के लिए नक्शे का आवेदन नगर निगम में कर चुके हैं, लेकिन अभी तक नक्शा पास नहीं हुआ, जिससे मकान का निर्माण रुका है।

केस 03
लाल बचन प्रसाद वार्ड नं. 19 को मकान का निर्माण करना है। 18 जून को नगर निगम में कंसलटेंट के माध्यम से आवेदन कर चुके हैं, लेकिन अभी तक नहीं निगम द्वारा नक्शा जारी नहीं किया गया।

केस 04
वार्ड नं. 33 दीपक कुमार मलिक ने मकान बनाने के लिए कंसलटेंट के माध्यम से 14 सितंबर को नक्शा पास कराने के लिए आवदेन दिया है, लेकिन अभी तक प्रक्रिया शुरू नहीं हुई।

केस 5
रामजानकारी वार्ड निवासी शबाना खान 25 अगस्त को कंसलटेंट के माध्यम से नियम अनुसार मकान बनाने के लिए आवेदन कर चुकी हैं, लेकिन अभी तक नगर निगम से नक्शा पास नहीं किया गया।

इनका कहना है
यह बात सही है कि नगर निगम में नक्शे पास नहीं हो रहे। प्रभारी आयुक्तों को भी नक्शा पास करना था। भार अधिक होने के कारण नहीं किया। अब आयुक्त आ गए हैं। उनका स्वास्थ्य खराब है। एक-दो दिन में आ जाएंगे तो सभी प्रक्रियाएं शुरू हो जाएंगी।
शशिभूषण सिंह, कलेक्टर व नगर निगम प्रशासक।

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