बस मालिकों ने कहा पोर्टल से हटे बकाया तो चलाएं वाहन
सीएम की घोषणा के तीसरे दिन भी नहीं चली बसें, मालिकों ने कहा पोर्टल बकाया हटाए सरकार.
- बस नहीं चलने से बाजार अनलॉक होने के बाद जरूरतमंद नहीं कर पा रहे जरूरी काम, आवागमन में परेशानी.

कटनी. कोरोना संकट काल में थमे बसों के पहिए अब तक सड़क पर नहीं उतर पाई। पांच माह से ज्यादा समय से बसों के नहीं चलने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ा है। तीन दिन पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणा के बाद ग्रामीणों को उम्मींद थी कि उनके गांव तक बसों के आने से आवागमन में सहूलियत होगी। इधर सीएम की घोषणा के तीन दिन बाद भी बसों के नहीं चलने से ग्रामीणों की परेशानी कम नहीं हो रही है।
इस बीच बस मालिकों की मांग है कि सरकार बसों के नहीं चलने की अवधि में टैक्स में छूट की बात तो कह रही है, लेकिन पोर्टल पर बकाया नहीं हटाया जा रहा है। बस एसोसिएशन के सदस्यों का कहना है कि जब तक पोर्टल से टैक्स की बकाया राशि नहीं हटेगी, तब बसों का संचालन नहीं होगा।
यह भी जानें
- 280 से अधिक बसों का संचालन होता है। जिले के विकासखंड मुख्यालयों के अलावा पड़ोस के जिलों सहित यूपी के इलाहाबाद व बनारस सहित महाराष्ट्र के नागपुर व अन्य शहरों तक बसें चलती हैं।
- बस ऑपरेटरों की मांग है कि छह माह का टैक्स माफ किया जाए। कई बार डीजल का दाम बढ़ा है, इसलिए किराया बढ़ाया जाए।
- जितने समय बसें खड़ी रहीं बीमा पॉलिसी बढ़ाई जाए। टेम्परेरी परमिट वालों को ज्यादा समस्या है, उनको विशेष रियायत दिया जाए।
- 20 हजार से अधिक यात्री प्रतिदिन यात्रा कर रहे थे। कोरोना संक्रमण के कारण इस सेक्टर पर ज्यादा असर पड़ा है।
रीवा के लिए चली कुछ बसें
इस बीच सिर्फ रीवा के लिए कुछ बसें चलना प्रारंभ हुई है। इसमें सफर कर रहे यात्री जरीना बताती हैं कि 15 दिन पहले भाभी बीमार थी उन्हें देखने बाइक से आए थे, लेकिन जा नहीं पा रहे थे। कटनी में फंस गए थे। अब बस चलने से वापस घर जा रहे हैं। दूसरे यात्री मोहम्मद फारूख बताते हैं कि बहन को छोडऩे के लिए रीवा जाना था। ट्रेन बसें न चलने से रिश्तेदारी, गमी सहित दूसरे काम से जाने के लिए बहुत परेशानी हुई। सभी बसों के चलने से सहूलियत होगी।
बस के कर्मचारी और यात्रियों ने बताई परेशानी
बस ड्राइवर राजू पांडेय बताते हैं कि पांच माह से घर पर बैठे थे। भोजन के लाले पड़े हैं। आखिर परिवार का गुजारा कैसे हो। बस अब शुरू होने आसार हो रहे हैं, जिससे हम सभी खुश हैं। यात्रियों को भी सहूलियत मिलेगी। बस चले तो यात्रियों को भी सहूलियत हो।
अतरितया के बस यात्री पुष्पकांत चौरहिया बताते हंै कि नागपुर में इलाज चल रहा है, लेकिन लॉकडाउन के कारण वाहन न चलने से दवाएं नहीं ला पा रहा था। बसों के न चलने से भारी समस्या थी। बसें शुरू हो तो राहत मिले।
आरटीओ एमडी मिश्रा का कहना है कि बसें गुरुवार से चलनी थीं। बस ऑपरेटर कह रहे हैं कि जबतक उनकी मांगे पूरी होती वें नहीं चलाएंगे। हालांकि बैठकों का दौर जारी है।
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