बस ऑपरेटरों की मांग है कि छह माह का टैक्स माफ किया जाए। कई बार डीजल का दाम बढ़ा है, इसलिए किराया बढ़ाया जाए। जितने समय बसें खड़ी रहीं बीमा पॉलिसी बढ़ाई जाए। टेम्परेरी परमिट वालों को ज्यादा समस्या है। ऐसे में उनको विशेष रियायत दिया जाए। बस ऑपरेटरों को भारी परेशानी हुई है। उनकी जायज मांगों पर सरकार विशेष ध्यान दे। बतों दें कि शहर से बहोरीबंद, ढीमरखेड़ा, विजयराघवगढ़, बड़वारा, रीठी आदि ग्रामीण क्षेत्र के अलावा सतना, रीवा, दमोह, पन्ना, जबलपुर, मंडला, बालाघाट, भोपाल, इंदौर, नागपुर, शहडोल, उमरिया, रायपुर, इलाहाबाद आदि के लिए बसों का संचालन होता है। 20 हजार से अधिक यात्री प्रतिदिन यात्रा कर रहे थे, जिनमें विराम लगा हुआ है।
इनका कहना है
पांच माह से घर पर बैठे थे। भोजन के लाले पड़े हैं। किसी तरह काम चलाए हैं। बस अब शुरू होने आसार हो रहे हैं, जिससे हम सभी खुश हैं। यात्रियों को भी सहूलियत मिलेगी।
राजू पांडेय, बस ड्राइवर।
15 दिन पहले भाभी बीमार थी उन्हें देखने बाइक से आए थे, लेकिन जा नहीं पा रहे थे। कटनी में फंस गए थे। अब बस चलने से वापस घर जा रहे हैं।
जरीना, यात्री रीवा।
बहन को छोडऩे के लिए रीवा जाना था। ट्रेन बसें न चलने से रिश्तेदारी, गमी सहित काम से जाने के लिए बहुत परेशानी थी। बस चलने से बहुत आसानी हुई है।
मो. फारूख, यात्री कटनी।
नागपुर में इलाज चल रहा है, लेकिन लॉकडाउन के कारण वाहन न चलने से दवाएं नहीं ला पा रहा था। बसों के न चलने से भारी समस्या थी। अब बसें शुरू होने से काफी राहत मिलेगी।
पुष्पकांत चौरहिया, यात्री अतरिया।
जबतक पोर्टल में बस ऑपरेटरों का बकाया जीरों ने दर्शाया जाएगा तबतक आगे परमिट आदि की कार्रवाई नहीं हो पाएगी। बकाया माफ होने के बाद भी बसों का संचालन होगा।
रामजी पांडेय, बस ऑपरेटर।
बसें गुरुवार से चलनी थीं। बस ऑपरेटर कह रहे हैं कि जबतक उनकी मांगे पूरी होती वें नहीं चलाएंगे। हालांकि बैठकों का दौर जारी है।
एमडी मिश्रा, एआरटीओ।