यह है मामला
कलेक्टर को सौंपे गए ज्ञापन में ग्रामीणों ने बताया कि कन्हवारा पंचायत के छैघरा बस्ती के मूल निवासी हैं। मेहनत-मजदूरी कर परिवार का भरण-पोषण कर रहे हैं। ५० साल से अधिक समय से यहां निवासरत हैं। यहां पर शासन द्वारा गरीबों को पीएम आवास से लाभान्वित किया गया है उनका निर्माण भी चल रहा है। कई लोगों के मुख्यमंत्री आवास भी बने हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि ४ दिन पहले शहर का बड़ा व्यवसायी कर्मचारियों व जेसीबी के साथ मौके पर पहुंचा और बगैर किसी सूचना के मकानों पर बुल्डोजर चलवा दिया। इसमें उनकी गृहस्थी का सामान बर्बाद हो गया है। व्यवसायी धमकी दे रहा है कि एक सप्ताह के अंदर बस्ती खाली कर देना। मकान अलग नहीं किए तो बारूद से बस्ती ध्वस्त कर दी जाएगी।
दहशत में ग्रामीण
ग्राम पंचायत सरपंच दुर्गा मौसी ने बताया कि व्यवसायी बस्ती उजाडऩे आमादा है। गरीबों की लगातार मिन्नतों के बाद भी कई लोगों की गृहस्थी बर्बाद कर दी गई है। ग्रामीणों का आरोप है कि लगातार व्यवसायी द्वारा परेशान किया जा रहा है। वह कह रहा है कि उसे इस स्थान पर बारूद की फैक्ट्री लगाना है और यह उसकी जमीन है। सरपंच ने बताया कि बस्ती के लोग पिछले कई दिनों से डरे-सहमे हैं। घर, प्रसाधन गिराए जा रहे हैं। पेड़ों को भी कटवाया जा रहा है। यदि शासन-प्रशासन द्वारा उचित कार्रवाई नहीं की जाती तो ग्रामीण उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। वहीं व्यवसायी ग्रामीणों के आरोप निराधार हैं। किसी भी ग्रामीण का मकान नहीं गिरवाया गया है। मौके का निरीक्षण किया जा सकता है। कन्हवारा के छैघरा में मेरी जमीन है।
इनकी रही उपस्थिति
ज्ञापन सौंपने के दौरान ग्राम पंचायत सरपंच दुर्गा मौसी, मल्लू सिंह, पप्पू, राजेश चौधरी, मंगा, संतोष, शिवलाल, नरेश, चूरामन, भरत चौधरी, सुरेश सोनी, जोवियर एन्थोनी, मुन्ना चौधरी, जगदीश, दुखीलाल, मनोज कुमार, अभिषेक चौधरी, रामकली, ऊर्षा, विमला, किरण, रामकुमारी, पांचाली बाई, ऊषा, रानी, विजय चक्रवर्ती, पप्पू, सुनील, देवराज, ज्योति गणेश सहित सैकड़ों ग्रामीणों की उपस्थिति रही।