बच्चों की पढ़ाई में सीधा नुकसान, अतिथि शिक्षकों की भी नहीं होती भर्ती:
स्कूलों में पदस्थ शिक्षकों द्वारा सांठगांठ कर कार्यालयों में काम तो लिया जा रहा है, लेकिन उनकी पदस्थापना स्कूलों में ही दिखने के कारण वहां अतिथि शिक्षकों की भी भर्ती नहीं हो पा रही है। प्रतिनियुक्ति पर डटे ये शिक्षक काम तो जिला पंचायत, आदिम जाति कल्याण विभाग व डीइओ कार्यालय में सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन इनका वेतन स्कूलों से आहरण हो रहा है।
डीइओ ने नहीं भेजी रिपोर्ट
लंबे से समय से प्रतिनियुक्ति पर डटे मास्साबों को स्कूल भेजने में डीइओ कार्यालय में बड़ी लापरवाही बरती जा रही है। कलेक्टर ने डीइओ रिपोर्ट मांगी है, लेकिन रिपोर्ट नहीं दी जा रही है और ना ही संबंधित विभागों में सेवाएं दे रहे शिक्षकों को भेजने पत्राचार किया गया।
ये शिक्षक प्रतिनियुक्ति में दे रहे सेवाएं
-प्रशांत चंपुरिया की मूल पदस्थपना बतौर प्रधानाध्यापक माध्यमिक शाला हरदुआ स्कूल में है, वे 10 साल से ज्यादा समय से डीइओ कार्यालय में अटैच हैं।
-अरविंद गुप्ता सहायक अध्यापक ग्रेड-2 ढीमरखेड़ा साल 2005 से योजना एंव सांख्यकी विभाग में अटैचमेंट पर है।
-अरविंद त्रिपाठी सहायक अध्यापक ग्रेड-2 बड़वारा से जिला पंचायत में अटैच है।
-सत्येंद्र सोनी सहायक अध्यापक ग्रेड-2 बहोरीबंद से जिला पंचायत में अटैच है।
-रजा मोहम्मद लेखापाल विजयराघवगढ़ से जिला पंचायत में अटैच है।
-राकेश बारी लेक्चरार हायर सेकंडरी स्कूल बड़वारा से डीइओ कार्यालय में अटैच।
– आदिम जाति कल्याण विभाग में 2014 से अध्यापक प्रतिनियुक्ति पर डटे हैं। इसमें अलग-अलग कन्या शिक्षा परिसर अध्यापक चेतना चौधरी, शहरुन निशा खान, जावेद खान पदस्थ हैं। इनका मूल पदस्थपना क्रमश: शाकमाशा बड़वारा, शामाशा कैमोरी और हाईस्कूल पिपरौंध है। सरिता कुशवाहा प्रतिनियुक्ति में बतौर अधीक्षक छात्रावास संभाल रहीं हैं।
-प्रतिनियुक्ति पर कौन शिक्षक किस विभाग में पदस्थ है। इसके बारे में मुझे जानकारी नहीं है। कलेक्टर ने रिपोर्ट मांगी है तो फाइल दिखवाते हैं। शिक्षकों को स्कूलों में वापस भेजने के लिए जल्द ही कलेक्टर को रिपोर्ट सौंपेंगे।
बीबी दुबे, जिला शिक्षाधिकारी।