इसके बाद रात में ऑपरेशन के बाद महिलाओं के साथ ही उनके परिजन को भी ठंड में परेशान होना पड़ा। इस साल जिलेभर में 7300 से ज्यादा नसबंदी का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जानकर हैरानी होगी कि इसकी जवाबदारी एक डॉक्टर के ही कांधो पर ही है। सर्जन डॉक्टर आरबी सिंह बताते हैं कि, परिवार कल्याण कार्यक्रम में नसबंदी लक्ष्य पूरा करने के लिए और डॉक्टर जरुरी हैं। वहीं, इस संबंध में सीएमएचओ डॉ. प्रदीप मुढ़िया बताते हैं कि, नसबंदी के लिए जिले में एक ही डॉक्टर हैं। पान उमरिया में कैंप के दौरान जबलपुर और बरही में ऑपरेशन करने उमरिया से डॉक्टर आते हैं।
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महिलाओं ने कहा ऑपरेशन से ज्यादा इंतजार तकलीफदेह
बहोरीबंद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सुबह 10 बजे से पहुंची इमलिया की रजनी राय, हिनोति की राधा यादव, पटोरी से सुनीला लोधी और 11 बजे अस्पताल पहुंची पटना मढिय़ा की राजकुमारी और पथराड़ी पिपरिया की रेखा चौधरी व कूड़ा मर्दानगढ़ की पूजा गोटिया बतातीं हैं कि यहां नसबंदी से ज्यादा तकलीफ डॉक्टर के इंतजार से होती है।