इम्युन सिस्टम ताकतवर बनाएं
शहद और दालचीनी के उपयोग से इम्युन सिस्टम ताकतवर बनता है। खून में सफेद कणों की वृद्धि होती है जो रोगाणु और वायरस के हमले से शरीर की सुरक्षा करते हैं। जीवाणु और वायरल बीमारियों से लडऩे की ताकत बढ़ती है।
मोटापे के लिए
एक चाय चम्मच दाल चीनी पावडर एक गिलास जल में उबालें फिऱ आंच से उतारकर इसमें दो बड़े चम्मच शहद मिलाकर सुबह नाश्ते से 30 मिनिट पूर्व सुहाता गरम पीयें। ऐसा ही रात को सोने के पहिले करना है। यह उपचार नियमित लेने से शरीर की अनावश्यक चर्बी समाप्त होती है और अधिक केलोरी वाला भोजन लेने पर भी शरीर में चर्बी नहीं बढ़ती है।
ह्रदय रोग के लिए
शहद और दालचीनी के पावडर का पेस्ट बनाएं और इसे रोटी पर चुपडक़र खाएं। घी या जेली के स्थान पर यह पेस्ट इस्तेमाल करें। इससे आपकी धमनियों में कोलेस्टरोल जमा नहीं होगा और हार्ट अटैक से बचाव होगा। जिन लोगों को एक बार हार्ट अटैक का दौरा पड़ चुका है वे अगर इस उपचार को करेंगे तो अगले हार्ट अटैक से बचे रहेंगे। इसका नियमित उपयोग करने से द्रुत श्वास की कठिनाई दूर होगी। हृदय की धडक़न में शक्ति का समावेश होगा। अमेरिका और कनाडा के कई नर्सिंग होम में प्रयोग किये गये हैं और यह निष्कर्ष आया है कि जैसे-जैसे मनुष्य बूढ़ा होता है, उसकी धमनियां और शिराएं कठोर हो जाती हैं। शहद और दालचीनी के मिश्रण से धमनी काठिन्य रोग में हितकारी प्रभाव देखा गया है। बढ़े हुए कोलेस्टरोल में दो बड़े चम्मच शहद और तीन चाय चम्मच दालचीनी पावडर मिलाकर आधा लीटर मामूली गरम जल के साथ लें। इससे सिर्फ़ 2 घंटे में खून का कोलेस्टरोल लेवल 10 प्रतिशत नीचे आ जाता है। और दिन में तीन बार लेते रहने से कोलेस्टरोल बढ़े हुए पुराने रोगी भी ठीक हो जाते हैं।
संधिवात के लिए, जोड़ों का दर्द
संधिवात रोगी दो बड़े चम्मच शहद और एक छोटा चम्मच दालचीनी का पावडर एक गिलास मामूली गर्म जल से लें। सुबह और शाम को लेना चाहिये। इस प्रयोग से केवल एक हफ़्ते में 30 प्रतिशत रोगी संधिवात के दर्द से मुक्त होने की संभावना है। एक महीने के प्रयोग से जो रोगी संधिवात की वजह से चलने फिऱने में असमर्थ हो गये थे उनके भी चलने फिऱने लायक होने की संभावना है।
मूत्राशय के संक्रमण के लिए
दो बड़े चम्मच दालचीनी का पावडर और एक बड़ा चम्मच शहद मिलाकर गरम पानी के साथ देने से मूत्रपथ का संक्रमण नष्ट हो जाता है।