तिगवां स्थित पांचवी शती की दुर्लभ कलाकृतियां.
प्रतिदिन पहुंच रहे पर्यटक
पुरातत्व विभाग के अनुसार चपटी छत का छोटा सा मंदिर पांचवीं शती में बना था। आकर्षक कलाकृतियों के इस समूह में मंदिर के सामने मंडप है और इसके स्तंभ पर घटपल्लव और मानवाकृति सहित चैत्य, गवात्त का निर्माण हुआ है। मंदिर खुदाई के दौरान मिली गंगा, यमुना, शेषशायी व विष्णु की मूर्तियां गुप्त मूर्तिकला के सुंदर उदाहरण हैं।
15 सौ कलश के साथ जवारे की पूजा
तिगवां के ग्रामीणों ने बताया कि नवरात्रि पर्व में नवमीं तिथि के लिए तिगवां व आसपास गांव के लोग जवारे विसर्जन के लिए पहुंचते हैं। हर साल करीब डेढ़ हजार जवारों की पूजा कर शारदा मंदिर के पीछे तालाब में विसर्जन होता है।
पत्थर काटकर बनीं आकर्षक कलाकृतियां
पुरातत्विक धरोहरों में शुमार तिगवां में पत्थर को काटकर आकर्षक कलाकृतियों का निर्माण किया गया है। यहां आने वाले पर्यटक इन कलाकृतियों को देखकर कई बाद देखते ही रह जाते हैं।
परिसर में बिखरीं मूर्तियां
तिगवां मंदिर में पुरातत्व विभाग द्वारा कई कलाकृतियों को उसी अवस्था में सुरक्षित रखा गया है। पर्यटकों का कहना है कि इन कलाकृतियों को और बेहतर संरक्षण की दरकार है।