उपभोक्ताओं ने पेटूमोर कार्यालय के कर्मचारियों पर गड़बड़ी को लेकर जमकर भड़ास निकाली। उपभोक्ताओं ने बताया कि इस दौरान पहले तो कर्मचारियों ने कार्यालय में बिल जमा नहीं करने की बात कही, लेकिन बाद में 15 से 20 उपभोक्ताओं की बिल राशि लौटा दी। तभी उपभोक्ता गड़बड़ी भांप कर सभी कर्मचारियों को कोतवाली लेकर पहुंचे और बिजली बिल में गोलमाल की शिकायत दर्ज करवाई।
जानकर ताज्जुब होगा कि इस दौरान कोतवाली थाने में यह कहकर मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया कि घटनास्थल कुठला थानाक्षेत्र का है। इस बीच आरोपियों और उपभोक्ताओं के बीच बातचीत होती रही और आरोपी कर्मचारी मौका पाकर भाग गए।
उपभोक्ताओं ने बताई परेशानी तो पहुंचे थाने
जागरूक नागरिक इंद्र मिश्रा ने बताया कि हुसैन भाईजान, सुहाने जी व एक अन्य उपभोक्ता ने परेशानी बताई। कार्यालय गए तो पहले तो कर्मचारी आपस में ही विवाद करने लगे, और तीनों को क्रमश: 22 सौ, सात सौ और पंाच सौ रूपये लौटाए। इस बीच उपभोक्ता कर्मचारियों को लेकर कोतवाली थाने पहुंंचे। वहां घटनास्थल कुठला थानाक्षेत्र का बताकर मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया। इस बीच आरोपी कर्मचारी मौके से भाग गए। उपभोक्ताओं ने बताया कि जो कर्मचारी बिल जमा करने का काम कर रहे थे, उनमें जबलपुर से प्रवीण साहू, आकृति, आलोक मिश्रा और कटनी निवासी राजा सेन सहित एक अन्य युवती शामिल हैं।
पैसे देने के बाद भी बिल में जुड़कर आई राशि
उपभोक्ता सुजीत द्विवेदी एडवोकेट ने बताया कि पिछले महीने बिजली बिल की राशि पेटूमोर कार्यालय के कर्मचारियों को दी थी। इस महीने बिल में वहीं राशि बकाया में जुड़कर आने के बाद कार्यालय गए तो कर्मचारी ने राशि लौटा दी। उन्होंने इस मामले में बिजली विभाग से कार्रवाई की मांग की।
– कुठला थाना प्रभारी विपिन सिंह ने बताया कि श्रेणी होटल के बाजू में बिजली बिल जमा संबंधी विवाद को कोई भी मामला कोतवाली थाने से हमारे यहां नहीं आया।
– वहीं कोतवाली थाना प्रभारी वीके विश्वकर्मा ने बताया कि दोपहर में आरोपी कर्मचारी एक दूसरे की शिकायत थाने में दर्ज करवा रहे थे। हमने घटनास्थल कुठला बताकर वहां शिकायत दर्ज करवाने कहा था। बाद में पता चला कि उपभोक्ताओं की बिल राशि को लेकर विवाद है। आरोपी कर्मचारी भाग गए हैं तो पकड़कर आगे की पूछताछ और कार्रवाई करेंगे।
– इस संबंध मेंं बिजली विभाग के शहर डीइ विकास सिंह का कहना है कि डिजिटल पेमेंट को विभाग मान्यता देता है, लेकिन गड़बड़ी की गारंटी नहीं है। उपभोक्ताओं को इस मामले में अलर्ट रहकर काम करना होगा। अगर राशि जमा करते हैं तो विभाग में जमा होने संबंधी ट्रांजेक्शन आइडी जरुर लेवें। कई बार ट्रांजेक्शन फेल होने के बाद निजी ऑपरेटर राशि लेते हैं तो उपभोक्ता को पूरी जानकारी लेनी चाहिए।