जानकारी के अनुसार सिंगरौली जिला में नवजात बच्चा रेस्क्यू किया गया था। झाड़ियों में पड़ा हुआ बच्चा मिला। बेसहारा को सहारा देने के लिए बाल कल्याण समिति के माध्यम से बच्चा कटनी लाया गया। बच्चे को किलकारी शिशुगृह में रखा गया, जहां पर अब बच्चा पूरी तरह से तंदुरुस्त स्वस्थ्य है। बच्चे को माता-पिता के रूप में सहारा मिलने जा रहा है। गौरतलब है कि जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग, पुलिस, एनजीओ, बाल मिद्ध ग्राम, आवास संस्था, बाल कल्याण समिति, आरपीएफ, विशेष किशोर पुलिस इकाई द्वारा बच्चों का रेस्क्यू कर सहारा दिया जा रहा है व मुख्य धारा से जोड़ा जा रहा है।
यह है प्रक्रिया
जानकारी के अनुसार कारा (सेंट्रल एडाप्शन रिसोर्स एथॉरिटी) केंद्रीय दत्तक अभिकरण में बच्चा गोद लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होता है। ऑनलाइन प्रक्रिया के बाद तीन राज्यों का चयन करना होता है। कितनी उम्र का बच्चा गोद लेना है, लड़का या लड़की गोद लेना है यह पूछा जाता है। वेटिंग वालों को पहले प्राथमिकता दी जाती है।
फैमिली कोर्ट से दिया जा रहा बच्चा
माल्टा के दम्पती को फैमिली कोर्ट के माध्यम से बच्चा गोद दिया जा रहा है। हालांकि अब नियम में बदलाव हो गया है। अब जो भी दम्पती अनाथ बच्चों को गोद लेंगे उनकी प्रक्रिया कलेक्टर कोर्ट से होगी। यह पहल किशोर न्याय अधिनियम नवीन संसोधन नियम में तय प्रावधान के तहत होगा।
नयन सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग का कहना है कि किलकारी शिशुगृह में रह रहे तीन वर्ष के बच्चे को माल्टा देश के दम्पती द्वारा गोद लिया जा रहा है। बच्चा लीगल फ्री हो चुका है। गोद दिलाने की संपूर्ण प्रक्रिया अपनाई जा चुकी है। 14 फरवरी को विदेश से दम्पती पहुंचेंगे, जिन्हें कोर्ट के माध्यम से गोद दिलाया जाएगा।