दूसरी ओर शहर में केंद्रीय विद्यालय को लेकर शनिवार तक किसी भी प्रकार का पत्राचार नहीं हुआ। केंद्रीय विद्यालय एनकेजे के प्राचार्य जीतेंद्र कुमार ने बताया कि रीजनल ऑफिस जबलपुर से फोन पर आई सूचना के बाद कलेक्टर से मिले हैं। डीइओ के साथ तीन स्थानों पर वैकल्पिक भवन देखा। केंद्रीय विद्यालय के गाइडलाइन अनुसार मॉडल स्कूल उपयुक्त होगा, लेकिन स्वीकृति पत्र नहीं आता तब तक कुछ भी कहना मुश्किल होगा। वहीं डीइओ बीबी दुबे का कहना है कि कलेक्टर के निर्देश पर तीन स्थानों पर स्कूल भवन देखा है। इसमें रेलवे स्टेशन समीप स्कूल भवन के अलावा साधुराम और मॉडल स्कूल शामिल है। मॉडल स्कूल को केंद्रीय विद्यालय के लिए बतौर वैकल्पिक भवन के रूप में देने लिए पीएस की अनुमति लेनी होगी। इस बारे में कलेक्टर को जानकारी दी है।
कलेक्टर एसबी सिंह बताते हैं कि केंद्रीय विद्यालय के लिए प्रयास चल चल रहा है, अभी शासन का आदेश आ जाने दीजिए। बतादें कि जिले के नागरिकों के लिए 2009-10 में भी केंद्रीय विद्यालय स्वीकृत हुआ था, लेकिन स्कूल संचालन के लिए वैकल्पिक भवन समय पर नहीं मिलने के कारण मामला ठंडे बस्ते में चला गया और नागरिक दस साल से स्कूल का इंतजार कर रहे हैं।