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शहर की बेटी में गजब का हौंसला: हर दिन कोरोना मरीजों में फूंक रही नईं जिंदगी, मिल रहा सम्मान

locationकटनीPublished: Oct 10, 2020 08:44:14 am

Submitted by:

balmeek pandey

अचेत कोविड मरीज में डॉक्टर ने डाली जान, सिविल सर्जन बोले-प्राउड ऑफ यू, शहर की डॉक्टर बेटी हर दिना दिखा रहीं गजब का हौंसला, कोरोना पॉजिटिव मरीजों को दे रहीं नईं जिंदगी, कलेक्टर ने किया सम्मानित

शहर की बेटी में गजब का हौंसला: हर दिन कोरोना मरीजों में फूंक रही नईं जिंदगी, मिल रहा सम्मान

शहर की बेटी में गजब का हौंसला: हर दिन कोरोना मरीजों में फूंक रही नईं जिंदगी, मिल रहा सम्मान

कटनी. कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में दहशत फैला रखी है। अनलॉक में भी अधिकांश लोग इससे डरे हुए हैं और लगभग अपने घरों में कैद हैं। लेकिन इस महामारी से लोगों को बचाने के लिए डॉक्टर और नर्सें खुद की जान जोखिम में डालकर 24 घंटे मरीजों का इलाज कर रहे हैं। ऐसे ही एक शहर की बेटी है जो हर दिन पीडि़त मानवता की सेवा में मिसाल पेश कर रही हैं। जिला कोविड वार्ड में भर्ती एक मरीज का अचानक स्वास्थ्य बिगड़ गया। ऑक्सीजन लेबल एकदम से कम हो गया और वह अचेत हो गया। जैसे ही नर्सिंग स्टॉफ को भनक लगी तो तत्काल कोविड वार्ड में मरीजों का इलाज करने वालीं डॉ. अमरीन नाज (एमबीबीएस) को खबर दी। चिकित्सक तत्काल वार्ड में पहुंचीं। मरीज को देखा तो स्थिति बेहद नाजुक थी। तत्काल वेंटीलेटर लगाकर ऑक्सीजन देना शुरू किया। वार्ड के खिड़की, दरवाजे, वेंटीलेशन खोलकर ऑक्सीजन बढ़ाई। कूलर चालू कराकर शरीर के टेंपरेचर को संतुलित किया। दवाएं देकर उसे ठीक किया। होश आने पर मोटीवेट किया और लगभग एक घंटे की मशक्कत कर उसे खतरे से बाहर किया और मरीज को अहसास कराया कि हर कोई आपके साथ हैं। घबराने की आवश्यकता नहीं है। जब इस बात की खबर सिविल सर्जन डॉ. यशवंत वर्मा को लगी तो उन्होंने स्टॉफ की सराहना करते हुए चिकित्सक डॉ. अमरीन नाज को कहा प्राउड ऑफ यू। अब वह मरीज पूरी तरह से स्वस्थ है। इस तरह से हर दिन दर्जनों मरीजों की देखभाल में आजाद चौक निवासी चिकित्सक अमरीन नाज मानव सेवा में जुटी हैं।

यह है डॉक्टर की दिनचर्या
डॉ. अमरीन नाज ने पत्रिका से खास बातचीत में बताया कि कोविड वार्ड में ड्यूटी है। सुबह ११ बजे कोविड वार्ड का पीपीइ किट में नियमित रूप से प्रतिदिन निरीक्षण करती हैं। यहां पर मरीजों से वन-टू-वन बात करती हैं। मरीजों का हालचाल जानती हैंं। क्या तकलीफ है। मरीज जिस प्रकार की तकलीफ बताते हैं उनको उस हिसाब से दवाइयां देती हैं। पुरानी बीमारियों की दवाएं, नई समस्या पर दवाएं देती हैं। नर्सिंग स्टॉफ को नंबर देकर रखा है कि जब भी किसी को कोई तकलीफ हो तो तत्काल संपर्क करें। पूरे दिन मरीजों का फॉलोअप ले रही हैं।

कलेक्टर कर चुके हैं सम्मानित
डॉ. नाज ने कहा कि डॉक्टरी का पेशा अपनाया तो कसम खाई थी कि मेरे लिए जाति, धर्म से बढ़कर पीडि़त मानवता की सेवा है। मेरे जीवन का मूल ध्येय लोगों की पीड़ा हरना है। उन्होंने कहा कि चिरायु मेडिकल कॉलेज से कोरोना की ट्रेनिंग लेकर आईं। वहां की स्टूडेंट भी हैं। स्वं इच्छा जाहिर कर सिविल सर्जन से बात कर कोरोना मरीजों का इलाज करने अपना नाम दिया और ट्रेनिंग ली। बता दें कि बेहतर कार्य करने पर कलेक्टर शशिभूषण सिंह १५ अगस्त को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित कर चुके हैं।

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