यह है डॉक्टर की दिनचर्या
डॉ. अमरीन नाज ने पत्रिका से खास बातचीत में बताया कि कोविड वार्ड में ड्यूटी है। सुबह ११ बजे कोविड वार्ड का पीपीइ किट में नियमित रूप से प्रतिदिन निरीक्षण करती हैं। यहां पर मरीजों से वन-टू-वन बात करती हैं। मरीजों का हालचाल जानती हैंं। क्या तकलीफ है। मरीज जिस प्रकार की तकलीफ बताते हैं उनको उस हिसाब से दवाइयां देती हैं। पुरानी बीमारियों की दवाएं, नई समस्या पर दवाएं देती हैं। नर्सिंग स्टॉफ को नंबर देकर रखा है कि जब भी किसी को कोई तकलीफ हो तो तत्काल संपर्क करें। पूरे दिन मरीजों का फॉलोअप ले रही हैं।
कलेक्टर कर चुके हैं सम्मानित
डॉ. नाज ने कहा कि डॉक्टरी का पेशा अपनाया तो कसम खाई थी कि मेरे लिए जाति, धर्म से बढ़कर पीडि़त मानवता की सेवा है। मेरे जीवन का मूल ध्येय लोगों की पीड़ा हरना है। उन्होंने कहा कि चिरायु मेडिकल कॉलेज से कोरोना की ट्रेनिंग लेकर आईं। वहां की स्टूडेंट भी हैं। स्वं इच्छा जाहिर कर सिविल सर्जन से बात कर कोरोना मरीजों का इलाज करने अपना नाम दिया और ट्रेनिंग ली। बता दें कि बेहतर कार्य करने पर कलेक्टर शशिभूषण सिंह १५ अगस्त को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित कर चुके हैं।