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इस बड़े कार्यालय में पंजीयन, जॉब फेयर, बजार सूचना व रोजगार का आंकलन हुआ बंद, अब ड्यूटी का भी संशय, जानिये क्यों

locationकटनीPublished: Apr 30, 2019 05:17:43 pm

Submitted by:

balmeek pandey

एक अप्रैल से जिला रोजगार कार्यालय चला गया है प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप मोड में

Closed employment office in Katni district

Closed employment office in Katni district

कटनी. रोजगार पाना हर युवक का सपना होता है, लेकिन अब इस सपने को पूरा करने के लिए बेरोजगार युवाओं को एक निश्चित भुगतान करना पड़ेगा, क्योंकि अब शासकीय रोजगार कार्यालय जोकि लोगों को मुफ्त में रोजगार देते थे अब उन्हे भी निजी हाथों में सौंपने का प्रस्ताव केन्द्र को भेजा गया था, जिसमें मुहर लग गई है। एक अप्रैल से जिला रोजगार कार्यालय प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप में चला गया है। इस योजना में प्रदेश के 15 जिले शामिल हैं, जिन्हें पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लिया गया है। अब जिला रोजगार कार्यालय से रोजगार पंजीयन, नवीनीकरण, जॉब फेयर, कॅरियर काउंसलिंग, स्थापना, लेखा, बाजार सूचना, रोजगार आंकलन का काम बंद हो गया है। अब युवाओं को परेशान होना पड़ रहा है। साथ ही अधिकारी कर्मचारियों को अबतक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि कहां सेवाएं दें। हालांकि अभी तो चुनाव ड्यूटी में लगे हैं। जिले में एक जिला रोजगार अधिकारी, 3 लिपिक, 3 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी व एक चौकीदार कार्यरत हैं। उन्हें आइटीआइ में मर्ज करने की बात चल रही है, लेकिन स्पष्ट नहीं हैं। हालांकि इसके लिए अधिकारियों ने वित्ती मंत्री तरुण भानोट से भी मुलाकात की है कि कार्यालयों को बंद न किया जाए।

रोजगार के लिए बनेंगे सेंटर
वाणिज्य, उद्योग और रोजगार विभाग के मुताबिक कटनी में रोजगार कार्यालयों को प्लेसमेंट सेंटर के रूप में विकसित किया जाएगा। यहां पंजीयन कराने वालों की काउंसिलिंग, इंटरव्यू, ट्रेनिंग होगी और प्लेसमेंट भी कराया जाएगा। आधुनिक सुविधाओं के रूप में यहां कम्प्यूटर, लैपटॉप, एलसीडी स्क्रीन के साथ युवाओं को ऑफलाइन, ऑनलाइन मार्गदर्शन भी दिया जाएगा, ताकि उन्हें करियर में मदद मिल सके। उल्लेखनीय है कि पीपीपी माडल के तहत रोजगार कार्यालयों को ठेके पर देने की प्रक्रिया के जरिए कार्यालय अपडेट होंगे और लोगों को मल्टीनेशनल कम्पनीज में अच्छे पदों पर नौकरीयां मिलेंगी। पड़े लिखे लोगों को योग्यता और रुचि के अनुसार काम मिलेगा। लेकिन इस मॉडल के तहत बेरोजगारों को जाब पाने के लिए कीमत चुकानी पड़ेगी। अब जो व्यक्ति पहले से ही बेरोजगार है। वो नौकरी के लिए कीमत कहां से लाएगा।

देंगे नौकरी का टारगेट
जिस कंपनी को यह काम सौंपा जाएगा, उसे न सिर्फ नौकरी और ट्रेनिंग का काम दिया जाएगा, बल्कि हर साल युवाओं को नौकरी दिलाने का टारगेट दिया जाएगा, हालांकि अधिकारी स्तर पर इस आंकड़े की पुष्टि नहीं हुई है। सभी सेंटर्स की निगरानी भोपाल मुख्यालय से होगी। 15 जिलों में काम शुरू करने के बाद यहीं से प्रदेश भर के युवाओं के पंजीकरण से लेकर प्रशिक्षण देने और रोजगार मेला लगाने का काम होगा।

इनका कहना है
एक अप्रैल से कार्यालय प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप मोड में चला गया है। रोजगार पंजीयन, नवीनीकरण, जॉब फेयर, कॅरियर काउंसलिंग, स्थापना, लेखा, बाजार सूचना, रोजगार आंकलन का काम बंद हो गया है। अब युवाओं को परेशान होना पड़ रहा है। कर्मचारी भी परेशान हैं।
डीके पासी, जिला रोजगार अधिकारी।

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