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स्वच्छता के नाम पर कंपनी परोस रही संक्रामक बीमारी

locationकटनीPublished: Aug 09, 2021 06:51:09 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

-खुले में फेंका जा रहा शहर का कचरा, नागरिक परेशान

सड़क किनारे खुले में फेका जा रहा शहर से लेकर गांव तक का कचरा

सड़क किनारे खुले में फेका जा रहा शहर से लेकर गांव तक का कचरा

कटनी. स्वच्छता अभियान के नाम पर कूड़ा कचरा उठाने वाली कंपनी के करतूतों से लोग आजिज आ गए हैं। लोगों को इस कोरोना काल में संक्रामक बीमारियों के चपेट में आने का खतरा पैदा हो गया है। वजह है वो कंपनी जो कूड़ा कचरा एकत्र कर उसे खुले में फेंक दे रही है। इससे जहां कूड़ा फेंका जा रहा है वहां रहना तो दूर उधर से गुजरना भी मुश्किल हो गया है बदबू के चलते। ऊपर से छुट्टा पशु उस कचरे को जहां-तहां फैला भी रहे हैं। इससे संक्रामक रोग फैलने की आशंका पैदा हो गई है।
बता दें कि जिले में शहर से गांव तक कूड़ा-कचरा उठाने का जिम्मा एमएसडब्ल्यू कंपनी को सौंपा गया है। इस कंपनी का काम ठोस अपशिष्ट प्रबंधन योजना के तहत पूरे शहर की सफाई करना है। इसके तहत डोर टू डोर का कचरा संग्रहण कर ट्रांसफर स्टेशन में एकत्रित किया जाता है। गाड़ी में गीला कचरा और सूखा कचरा अलग-अलग लेने की प्रक्रिया होती है, लेकिन ठेकेदार की मनमानी से सूखा और गीला कचरा मिक्स करके ढोया जा रहा है। वो भी बिना ढके।
कंपनी के लोग बिना तरपाल से ढके कचरा गाडियों को आबादी क्षेत्र और बाजार से होकर गुजारते हैं। इससे संक्रामक बीमारी फैलने का खतरा बन गया है। ये हाल तब है जब सरकारी स्तर से लाखों रुपया का खर्च करके ट्रांसफर स्टेशन बनाया गया लेकिन संपूर्ण कचरे को रोड के किनारे खुले में फेंक दिया जा रहा है, जिससे कचरा बारिश होने पर सड़कर बदबू करने लगा है। ऐसे में ठेकेदार की मनमानी के चलते पूरे शहर में प्रदूषण फैल रहा है। नगर में जगह-जगह लगे कचरे के ढेर को मवेशी सडकों पर फैला रहे हैं। ये सड़ा हुआ कचरा खाने से मवेशियों की मौत भी हो रही है जिससे खतरा ज्यादा ही बढ़ गया है।
एमएसडब्ल्यू कंपनी के ठेकेदार की मनमानी इतने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि कचरा उठाने वाले कर्मचारियों की जान भी सांसत में है। बताया जा रहा है कि इन कर्मचारियों को कोई सुविधा नही दी गई है। कर्मचारियों के पास सेफ्टी शू, दस्ताने तक नहीं है। वहीं कोविड महामारी से बचाव के लिए भी कोई एहतियात नहीं बरता जा रहा है। कंपनी के कचरा ट्रांसफर स्टेशन में भी कर्मचारियों के लिए किसी तरह की सुविधाएं नहीं है। कचरा ट्रांसफर स्टेशन के आसपास का वातावरण स्वच्छ रखने लिए कंपनी को पौधरोपण करना था लेकिन वो भी नहीं हुआ।
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