कटनीPublished: Sep 25, 2018 12:31:33 pm
raghavendra chaturvedi
भाजपा की केबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त समाज कल्याण बोर्ड अध्यक्ष पद्मा शुक्ला ने सोमवार को थामा कांग्रेस का दामन
सियासी उठापठक, वीडियो में देखिए पद्मा शुक्ला के कांग्रेस ज्वाइन करने पर कांग्रेस ग्रामीण जिलाध्यक्ष ने क्या कहा
कटनी. जिले की राजनीति में सोमवार को दिन सियासी उठापटक का रहा। विजयराघवगढ़ विधानसभा से कद्दावर भाजपा नेत्री मध्यप्रदेश समाज कल्याण बोर्ड अध्यक्ष केबिनेट मंत्री दर्जा पद्मा शुक्ला ने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर ली। छिंदवाड़ा में कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ उन्हे पार्टी ज्वाइन करवाने वाले थे, इसलिए वे कार्यकर्ताओं के साथ रविवार शाम की कटनी से छिंदवाड़ा के लिए रवाना हो गईं थीं।
सोमवार सुबह भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह के नाम लिखा इस्तीफा सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इसमें पद्मा शुक्ला ने कहा कि लगातार उपेक्षा और प्रताडऩा से क्षुब्ध होकर भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहीं हैं। उन्होंने कहा कि 2014 उपचुनाव के बाद से लगातार हो रही उपेक्षा और प्रताडऩा से क्षुब्ध हैं। 1980 से भाजपा की प्राथमिक सदस्य हूं, जिससे आज त्यागपत्र देती हूं। साथ ही नैतिकता के आधार पर सरकार द्वारा दी गई समाज कल्याण बोर्ड अध्यक्ष से त्यागपत्र मुख्यमंत्री को प्रेषित कर रही हूं।
इधर सोमवार दोपहर पद्मा शुक्ला के कांग्रेस ज्वाइन करने सूचना कटनी पहुंचते ही कांग्रेस पार्टी के ग्रामीण जिलाध्यक्ष गुमान सिंह ने प्रेसवार्ता बुलाई। उन्होंने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी पद्मा शुक्ला को विजयराघगढ़ से टिकट देती है तो स्वागत करेंगे,सम्मान करेंगे।
17 सितंबर को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा भोपाल में पैराशूट से उतरे नेता को टिकट नहीं देने के सवाल पर गुमान ने कहा कि पद्मा शुक्ला पैराशूट से उतरी नेता नहीं, वो जमीनी नेता हैं। प्रेसवार्ता में युवक कांग्रेस जिलाध्यक्ष मनु दीक्षित, प्रदेश महासचिव महिला कांग्रेस रजनी सोनी, महिला ग्रामीण जिलाध्यक्ष माया चौधरी, एनएसयूआई जिलाध्यक्ष अंशू मिश्रा ने कहा कि पद्मा शुक्ला के कांग्रेस ज्वाइन करने के बाद विजयराघवढ़ में कांग्रेस पार्टी और मजबूत हुई है।
पद्मा शुक्ला के भाजपा छोडऩे की चर्चा पुराने कार्यकर्ताओं के बीच सोमवार को पूरे दिन होती रही। कार्यकर्ताओं ने कहा पद्मा पार्टी से तब जुड़ीं थी जब गिने चुने कार्यकर्ता होते थे। कांग्रेस सरकार से मार्चा लेने की बात हो या भाजपा संगठन विस्तार के लिए पसीना बहाने की। पद्मा शुक्ला लगातार 38 सालों से हर मोर्चे पर डटी रहीं।
इस पूरे मामले पर विजयराघवगढ़ से विधायक और प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री संजय पाठक कहते हैं कि मुझे इस बात का दुख है कि पद्मा शुक्ला ने भाजपा से इस्तीफा दे दिया। उस पार्टी से इस्तीफा दिया, जिसने उन्हें सबकुछ दिया। चुनाव हारने के बाद भी केबिनेट मंत्री का दर्जा दिया। उनका स्वार्थ यानी विजयराघवगढ़ से भाजपा टिकट मिलना पूरा होता नहीं दिखा तो इस्तीफा दे दिया। पहले ही अंदाजा लगा किया भाजपा से उन्हे टिकट नहीं मिलेगी। जबकि अधिकारिक तौर पर कहीं भी टिकट की घोषणा नहीं हुई है।
पद्मा शुक्ला के कांग्रेस ज्वाइन करने के बाद भाजपा संगठन में भी हड़कंप मचा है। पार्टी के पुराने कार्यकर्ता चर्चाओं में कह रहे हैं कि पद्मा पार्टी में उस दौर की कार्यकर्ता थीं जब लोग कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोलने में पीछे हट जाते थे। इस मसले पर भाजपा के जिलाध्यक्ष पीतांबर टोपनानी बताते हैं कि किसी एक भी कार्यकर्ता का पार्टी से जाना कष्टदायक होता है। उन्होंने पार्टी पर जो उपेक्षा का आरोप लगाया है, वो गलत है। पार्टी ने हमेशा उनका सम्मान किया। मै सोमवार सुबह से उन्हे फोन लगा रहा था, उन्होने फोन रिसीव नहीं किया।