हुए हैं ये काम
जानकारी के अनुसार शहरी क्षेत्र में २०१०-११ में आरईएस द्वारा बाबाघाट में छट पूजन घाट का निर्माण कार्य ६.१३ लाख रुपए में कराया गया है। इसी प्रकार ढीमरखेड़ा क्षेत्र के ग्राम पंचायत पौड़ीकला में सामुदायिक भवन का निर्माण २०११-१२ में ५ लाख, २०१३-१४ में सलैया के प्राथमिक शाला में बाउंड्रीवाल का निर्माण ४ लाख ९९ हजार, २०१५-१६ में प्राथमिक-माध्यमिक शाला पिपरौंध परिसर में फर्शीकरण १० लाख, ग्राम पंचायत पठरा में क्रांकीट सड़क ५ लाख, बंडा में सीमेंट कांक्रीट सड़क व नाली निर्माण ६ लाख, कन्हवारा में सीमेंट-कांक्रीट सड़क व नाली निर्माण १० लाख, इमलिया में हैंडपंप १ लाख २३ हजार, हीरापुर कौडिय़ा में सीसी रोड ७ लाख रुपए से काम कराए गए हैं।
ये काम हैं अधूरे
इसी प्रकार २०१५-१६ में स्वीकृत हुए ६ कार्य अबतक अधूरे पड़े हैं। हीरापुर कौडिय़ा में सीसी रोड निर्माण ७ लाख, शाहपुर में प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूल में फर्शीकरण ८ लाख, हिरवारा में सीमेंट-कांक्रीट सड़क का निर्माण ५ लाख, पौनिया में सीसी रोड एवं नाली निर्माण १० लाख रुपए से काम कराए जाने थे जो अभी भी अधूरे हैं। इसी प्रकार २०१६-१७ में इमलिया के मुक्तिधाम व स्कूल में बाउंड्रीवाल का निर्माण ६ लाख २५ हजार व ५ लाख २०० रुपए से कराया जाना था। समय सीमा समाप्त हो जाने के बाद भी काम अधूरे पड़े हैं।
इनका कहना है
ग्राम पंचायतों के खाते में राशि सीधे जारी होने पर कार्य की मॉनीटरिंग नहीं हो पाई। कलेक्टर के निर्देश पर इनकी जांच कराई जा रही है।
अभय मिश्रा, जिला शहरी अभिकरण अधिकारी।
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कलेक्टर के आदेश पर कार्यों का निरीक्षण किया जा रहा है। इसमें से कुछ काम पूरे हो गए हैं। जो अधूरे हैं उन्हें पूर्ण कराया जाएगा। पूर्ण कामों की सीसी जमा कराकर अग्रिम कार्यवाही की जाएगी।
सुरेश तेकाम, कार्यपालय यंत्री, आरईएस।