आमजन हो रहे परेशान
गणेश चौक स्थित कार्यालय में हर दिन एक हजार से लेकर डेढ़ हजार उपभोक्ताओं की लाइन बिल सुधरवाने के लिए लग रही है। लोग मजदूरी, काम-धंधा छोड़कर बिल के समायोजन के लिए परेशान हो रहे हैं। वहीं कई उपभोक्ताओं को स्लैब और एवरेज का हवाला देकर चलता कर दिया जा रहा है। विभाग की मनमानी के चलते उपभोक्ता परेशान हैं। बरही रोड स्थित मनीष गुप्ता ने बताया कि
इनका कहना है
हर माह ५०० से ६०० रुपए बिल आता था। पिछले तीन माह से ५ से ६ हजार रुपए बिल आ रहा है। इस माह फिर से ५ हजार २५७ रुपए भेज दिया गया है। तीन दिन से बिल सुधरवाने के लिए भटक रहे हैं।
उम्मी निषाद, अधारकाप।
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हर माह डेढ़ से २०० रुपए बिल आता था। घर में खपत भी ज्यादा नहीं है। रीडिंग भी हर माह हो रही है। पिछले माह १५० रुपए बिल आया था, इस माह २ हजार १३३ रुपए आ गया है। अब सुधार के लिए चक्कर काट रहे हैं।
राजेश पटैल, पिलौंजी।
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पिछले तीन माह से घर की लाइट कटी है। इसकी जानकारी भी लाइनमैन से लेकर अधिकारियों को है इसके बाद भी बिल आ रहा है। इस माह ४४ हजार ७४७ रुपए का बिल भेजा गया है।
गौरीशंकर केवट, निमिया मोहल्ला
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मजदूरी करके किसी तरह बच्चों को पाल रहे हैं। घर में सिर्फ दो बल्व जलते हैं। इसके बाद भी बिल अधिक आ रहा है। इस महीने १३ हजार २०८ रुपए बिल भेजा गया है। लगातार मनमानी हो रही है।
राजकुमारी बर्मन, झलवारा।
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पिछले ६ माह से मीटर रीडिंग के आधार पर बिल आ रहे हैं। फिर भी यदि किसी के यहां एवरेज बिल पहुंच गए हैं तो उनका समायोजन होगा। लापरवाही बरतने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।
पीके मिश्रा, अधीक्षण यंत्री