इस साल के जुलाई-अगस्त माह में मुख्यमंत्री सरल बिजली संबल योजना की शुरुआत हुई थी। शहरी क्षेत्र के नगर निगम व ग्रामीण क्षेत्रों में ब्लॉकों में शिविर लगाकर पंजीयन किया गया था। बिजली कंपनी ने हर माह 200 रुपये बिजली बिल देने के लिए मजदूर वर्ग के 1 लाख 15323 उपभोक्ताओं को योजना में शामिल किया। दूसरी ओर शासन से मिलने वाली सब्सिड़ी के विश्वास के आधार पर कंपनी ने योजना तो शुरू कर दी, लेकिन जिले के हजारों उपभोक्ताओं ने तीन माह तक बिल जमा नहीं किए। बिजली कंपनी ने इन उपभोक्ताओं को अगस्त, सितंबर व अक्टूबर माह तक करीब 6 करोड़ 91लाख 39 हजार 800 रुपये का बिल जारी कर चुकी हैं, लेकिन वसूली सिर्फ ढाई करोड़ रुपये तक ही हो पाई है। चार करोड़ से अधिक रुपये फंसे हुए है।
1000 लोड से अधिक जला रहे बिजली उपभोक्ता
सरल बिजली योजना के तहत हर माह 200 रुपये बिजली बिल का लाभ लेने वाले कई उपभोक्ता ऐसे भी है जो हर माह 1000 लोड से अधिक बिजली की खपत कर रहे है। योजना के तहत 1000 लोड की खपत करने वाले उपभोक्ता को ही 200 रुपये का बिल भेजा जाएगा।
ढाई माह से बंद पड़ी योजना
जिले में ढाई माह से सरल बिजली संबल योजना बंद पड़ी हुई है। जिस वजह से नए उपभोक्ताओं का पंजीयन रुका हुआ है। विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने की वजह से बंद पड़ी योजना चुनाव व नई सरकार के गठन के बाद भी शुरू नहीं हो पाई है। कंपनी के अधिकारी योजना को लेकर नए आदेश का इंतजार कर रहे हैं।
खास-खास:
-जिलेभर के 115323 उपभोक्ताओं को बिजली कंपनी ने सरल संबल योजना में शामिल किया है।
-16372 उपभोक्ता शहरी क्षेत्र के हैं जिनको 200 रुपये हर माह बिल भेजा रहा है।
-98951 उपभोक्ता ग्रामीण क्षेत्र के है जो सरल संबल योजना का लाभ ले रहे है।
-59370600 रुपये का बिजली बिल तीन माह में कंपनी ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ताओं को भेज चुकी है।
-9823200 रुपये का बिल कंपनी शहरी क्षेत्र के उपभोक्ताओं को जारी कर चुकी है।
इनका कहना है
सरल संबल योजना में कई ऐसे उपभोक्ता है जो सक्षम होने के बाद भी बिजली बिल जमा नहीं कर रहे है। उन उपभोक्ताओं से बिजली बिल की वसूली की जाएगी।
पीके मिश्रा, अधीक्षण यंत्री।