मार्च 18 से वेतन भुगतान अटका
विसंगति के सामने आने पर मार्च 18 से विभाग में कार्यरत सभी अधिकारी-कर्मचारियों का वेतन रोक दिया गया। वेतन रुकने के बाद कार्यालय नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन भोपाल को पत्राचार किया गया। जिसमें मामला सामने आया। इसके बाद 12 माह से नया डीडीओ क्रियेट करने प्रक्रिया चालू हुई। इसके लिए पत्राचार आयुक्त कोष एवं लेखा को किया गया। दोनों विभागों के बीच अब इस मामले को सुलझाने का प्रकरण चल रहा है, जो अभी तक पूरा नहीं हो पाया। इसके लिए ट्रेजरी में तैयार सॉफ्टवेयर में भी एरर आ रहा है।
खास-खास:
– विभाग में वर्तमान में ड्रंग इंस्पेक्टर स्वप्निल सिंह, फूड ऑफिसर डीके दुबे, संजय गुप्ता, अशोक कुर्मी हैं कार्यरत।
– उप संचालक विभाग एवं सीएमएचओ डॉ. एसके निगम ने 9 अगस्त 2018 को पत्राचार कर कर्मचारियों द्वारा कार्य न कर पाने की अस्मर्थता का जारी कर चुके हैं पत्र।
– 2001 में डीडीओ के लिए हुए पत्राचार पर नहीं दिया गया ध्यान, अब वेतन रुकने से जिलेभर में प्रभावित हुआ खाद्य सामग्री जांच का काम।
– तत्कालीन सीएमएचओ की बेपरवाही से बढ़ी परेशानी, शिकायत पर ही फूड ऑफिसर ले रहे नमूना, अन्य कार्यों में भी हो रही समस्या।
बंद पड़ा जिले में यह काम
बता दें कि विभाग की इस गड़बड़ी से अफसरों का काम रुक जाने के कारण जिले में जांच का काम बंद है, जिससे मिलावट के अंदेशे से भी इंकार नहीं किया जा सकता। फूड ऑफिसर और ड्रग इंस्पेक्टर खाद्य प्रतिष्ठानों की जांच कर संस्थागत कमियों को दूर कराना, खाद्य पदार्थ में मिलावट, गुणवत्ता की कमी की आशंका पर नमूना लेकर जांच के लिए लैब भेजना, मिलावट की पुष्टी होने पर प्रकरण को न्यायालय में भेजकर दोषी को सजा दिलाना काम है। लेकिन अगस्त 18 से जिले में यह काम बंद पड़ा है और जिम्मेदार अफसर ध्यान नहीं दे रहे।
इनका कहना है
इस संबंध में सीएमएचओ सहित विभागीय अधिकारियों से चर्चा कर पता लगाया जाएगा। वेतन भुगतान आदि की समस्या का समाधान कराते हुए विभागीय कार्य निरंतर रखे जाएंगे।
डॉ. पंकज जैन, कलेक्टर।
मैं जब यहां पदस्थ हुआ तो पता चला की गलत डीडीओ कोड से भुगतान हो रहा है जो अब रुक गया है। विभाग को पत्राचार किया है। गड़बड़ी को ठीक करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
डॉ. एसके निगम, सीएमएचओ।