पेपर देने पहुंचे थे बच्चे
शिक्षा विभाग के अफसरों ने ध्यान नहीं दिया। पत्रिका ने मंगलवार दोपहर इस मामले की पड़ताल की तो हकीकत सामने आई। यहां पर प्राथमिक और माध्यमिक कक्षा के बच्चे मिले। बताया कि हिंदी का पेपर था, जिसे देने पहुंचे हैं। कई दिनों से स्कूल प्रबंधन द्वारा बुलाए जाने पर आ रहे हैं।
समाधान के लिए बुलवाए जा रहे बच्चे
इस पूरे मामले को लेकर प्राचार्य कमलेश तिवारी का कहना है कि विद्यार्थी प्रोजेक्ट वर्क जमा करने आ रहे हैं। जिन बच्चों के पास एन्ड्रायड मोबाइल नहीं हैं उनको प्रश्नपत्र लेने के लिए बुलाया गया है, ताकि वे घर से लिखकर उत्तरपुस्तिका जमा कर सकें। ऑपरेशन समाधान के लिए बच्चे बुलवाए जा रहे हैं।
बच्चे हमसे जुड़े रहें, इसलिए अल्पकाल के लिए बुलाया जा रहा है। हम सरकार के नियमों से बंधे हैं, आदेश से इधर-उधर जाने का सवाल ही नहीं उठता। जबकि नियम के अनुसार प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल की कक्षाएं नहीं लगनी है, इसके बाद भी मनमानी की जा रही है।