कटनी जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का आलम यह है कि सिहोरा से इलाज के बाद आई महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई। उसके संपर्कियों की लिस्ट बनी तो उसमें 60 से ज्यादा लोगों के नाम थे। लेकिन उन 60 लोगों में से सैंपलिंग महज 15 की ही हो पाई है।
इसके अलावा मुंबई से ननिहाल आई 9 साल की बच्ची की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद तो संपर्कियों की कोई लिस्ट ही नहीं बनी। कटनी और मुड़वारा में एक जून को दोनों रेलवे स्टेशनों पर क्रमशः 20 और 19 और दो जून को 18 व 120 यात्री पहंचे। इन्हें थर्मल स्क्रीनिंग के बाद होम क्वारंटीन तो किया गया, होम आइसोलेशन में रहने की सलाह भी दी गई। लेकिन किसी की सैंपलिंग नहीं हुई। बता दें कि इन यात्रियों में से ज्यादातर रेड जोन से आने वाले हैं।
जिला व स्वास्थ्य विभाग की इस घोर लापरवाही से नागरिकों में भय का माहौल है। उनका कहना है कि यह लापरवाही कहीं भारी न पड़ जाए। पूर्व विधायक सुनील मिश्रा का कहना है कि टेस्ट ही नहीं होगा तो कैसे पता चलेगा कि कोरोना है या नहीं।
कांग्रेस जिला अध्यक्ष गुमान सिंह ने कहा कि जब आप जांच ही नहीं करोगे तो कोरोना मुक्त कहलाओगे ही। उन्होंने आरोप लगाया कि यहां सब मनमाने ढंग से चल रहा है। न प्रशासन को नागरिकों की चिंता है न जनप्रतिनिधियों को।
शहर विधायक संदीप जायसवाल ने कहा कि सैंपलिंग बढ़ाने के लिए प्रशासन के उच्चाधिकारियों से बात की है। उन्होंने आश्वस्त किया है कि सैंपलिंग की संख्या बढ़ाई जाएगी। अगर नमूने कम लिए जा रहे हैं तो अधिकारियों से फिर बात करेंगे।
“कोरोना सैंपलिंग बढ़ाने की तैयारी चल रही है। जिले की सभी पीएचसी व सीएचसी को तैयार किया जा रहा है। जल्द ही संख्या बढ़ेगी”- डॉ एसके निगम, सीएमएचओ