जिला अस्पताल में कई डॉक्टर कक्ष में डॉक्टरों के बैठने के लिए टेबल-कुर्सी तो लगी है, लेकिन डॉक्टर मौजूद नहीं रहते। इसका खामियाजा भी मरीजों को ही भुगतना पड़ रहा है। मरीज डॉक्टर का इंतजार करते परेशान रहते हैं। मरीज व परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर निजी प्रेक्टिस में ज्यादा ध्यान दे रहे हैं, अस्पताल में मरीजों के परीक्षण में रुचि कम लेने के कारण बेहतर इलाज पर संशय बनी रहती है। इस बीच जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. यशवंत वर्मा ने व्यवस्था में सुधार की बात कही है।