scriptमध्यप्रदेश के इस शहर में शुरू हुई सफेद सोने की खेती, गजब का है मुनाफा | Cotton farming started in Katni | Patrika News

मध्यप्रदेश के इस शहर में शुरू हुई सफेद सोने की खेती, गजब का है मुनाफा

locationकटनीPublished: Aug 08, 2020 10:01:36 pm

Submitted by:

balmeek pandey

कटनी में शुरू हुई कपास की खेती, मुनाफा होने पर बढ़ाया रकबा, जिले के किसानों को कराया जाएगा भ्रमण, कपास की खेती के लिए कृषि विभाग करेगा प्रेरित

मध्यप्रदेश के इस शहर में शुरू हुई सफेद सोने की खेती, गजब का है मुनाफा

मध्यप्रदेश के इस शहर में शुरू हुई सफेद सोने की खेती, गजब का है मुनाफा

कटनी. पिछले एक दशक से जिले में खेती का स्वरूप किसानों ने एक दम बदल दिया है। परंपरागात खेती को छोड़कर उन्नत खेती की ओर किसान आगे बढ़कर न सिर्फ अच्छी पैदावार ले रहे हैं बल्कि उन्नत कृषक बनकर उभरे हैं। खास बात तो यह है कि जलवायु की भ्रांति को मात देते हुए कई किसानों ने उद्यानिकी की फसलों में हाथ आजमा कर केला, अनार, गुलाब, शिमला मिर्च सहित अन्य फसलें लगाकर जबरदस्त मुनाफा कमा रहे हैं। वहीं अब कटनी जिले में कपास की खेती भी शुरू हो गई है। जिले में यह पहलीबार हो रहा है। बरही क्षेत्र के ग्राम बिचपुरा में हरियाणा के किसान राजबीर सिंह सुर्रा ने कपास की खेती शुरू की है। खास बात यह है कि पिछले वर्ष किसान ने कम क्षेत्रफल में कपास की खेती की थी। बेहतर पैदावार होने पर इस वर्ष रकबा बढ़ा दिया है। अब खेत में कपास की फसल लहलहा रही है।

22 एकड़ में लगाया कपास
बिचपुरा में खेती का काम देख रहे अनिल पुनिया ने बताया कि पिता रोहतास पुनिया और चाचा राजबीर सिंह सुर्रा के द्वारा कटनी में कपास की खेती शुरू की गई है। इस साल 22 एकड़ में में कपास लगाया है। एक एकड़ में तीन बार जुताई कराकर बीज सहित ढाई हजार रुपये की लागत लगाई गई है। कपास तैयार होने तक एक एकड़ में 15 हजार रुपये की लागत आ रही है। कपास की फसल सात माह में तैयार हो जाती है। सितंबर-अक्टूबर में तुड़ाई शुरू हो जाएगी। जुलाई के प्रथम सप्ताह में यह खेती की है। पिछले साल एक एकड़ में 11 क्विंटल की पैदावार हुई थी। 5 हजार रुपये प्रति क्विंटल बिकवाली होती है। इस लिहाज से लगभग 55 से 60 हजार रुपये का कपास तैयार होता है। एक एकड़ में 40 से 45 हजार रुपये का मुनाफा मिलता है।

– किसान ने बताया कि हरियाणा से ज्यादा कटनी जिले में होगी कपास की पैदावार, हाइब्रिड का लगाया गया है कपास, तीन साल से कर रहे हैं खेती।
– हरियाणा में लगभग 70 एकड़ में करते हैं कपास की खेती, कटनी के कपास को हरियाणा लेजाकर किया है विक्रय।
– कपास की खेती में पानी एकत्रित नहीं होना चाहिए, फसल के पानी जरुरी है, कछार क्षेत्र में बेहतर होती है फसल।
– तीन माह तक 50 लोगों को मिल रहा है तुड़ाई आदि के लिए काम, किसान ने कहा कि जिले के किसानों को खेती के लिए करेंगे प्रेरित।

हाइब्रिड की है किस्म
किसानों के लिये कैशक्रॉप और सफेद सोना मानी जाने वाली कपास की फसल की ओर अब कटनी जिले के किसान रुख करने लगे हैं। हरियाणा के हिसार से आकर बरही के बिचपुरा में बसे किसान राजबीर सिंह ने इस बार अपने 22 एकड़ खेत में कपास की हाईब्रिड किस्म 007 और 3122 की बोनी की है। किसान राजबीर बताते हैं कि उन्होने गतवर्ष भी 2-4 एकड़ क्षेत्र में कपास की बोनी की थी। लेकिन उम्मीदों के अनुसार फसल अच्छी नहीं होने से आमदनी नहीं हो पाई। हिम्मत नहीं हारते हुये इस वर्ष राजबीर ने अपने 22 एकड़ के क्षेत्र में कपास की फसल की बोनी की है। कपास के 1.5 किलो बीज प्रति हैक्टेयर बोये गये हैं और 12 क्विंटल कपास बीज की पैदावार एक एकड़ में आसानी से मिलने की उम्मीद है। कपास की फसल में उनके हरियाणा में कपास की खेती का अनुभव भी काम आ रहा है। साथ ही वे क्षेत्र के कृषि अधिकारी जीएस बघेल से फसल संबंधी तकनीकी मार्गदर्शन लेना नहीं भूलते। इस बार उन्हें भरपूर उम्मीद है कि कपास की फसल अच्छी होगी और खूब मुनाफा देकर जायेगी। कटनी जिले में कपास की खेती की शुरुआत करने वाले राजबीर सिंह से क्षेत्र के किसान भी राय-मशविरा करने आने लगे हैं।

इनका कहना है
बरही क्षेत्र के बिचपुरा में हरियाणा के एक किसान ने कपास की खेती की है। पिछले वर्ष अच्छी पैदावार होने पर रकबा बढ़ाया है। जिले के किसान ज्यादा से ज्यादा खेती करें इसके लिए तैयारी की जा रही है। किसानों को भ्रमण कराकर कपास की खेती के लिए प्रेरित किया जाएगा।
एके राठौर, उप संचालक कृषि।

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