तहसीलदार कार्यालय में पदस्थ संतोष सोनी रीडर तहसीलदार कार्यालय कटनी के द्वारा उससे मामले में नामांतरण कार्यवाही आगे बढाने के लिये 20 हजार रूपये की रिश्ववत की मांग की जा रही है। लोकायुक्त कार्यालय द्वारा प्रार्थी के आवेदन पर आगे कार्यवाही की गई और उसी दिनांक को प्रार्थी को रिश्वत की वार्ता रिकॉर्ड कर लाने के लिये कहा गया, वार्ता रिकॉर्ड होने के पश्चात दिनांक 28/03/2014 को तहसीलदार कार्यालय कटनी में आरोपी संतोष कुमार सोनी तत्कालीन रीडर तहसीलदार न्यायालय कटनी को प्रार्थी हरिजीत सिंह से 15,000/- रूपये की रिश्वत लेते हुये लोकायुक्त की टीम द्वारा रंगे हाथों पकडा गया और अनुसंधान के पश्चात माननीय विशेष न्यायलय भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम कटनी के न्यायालय में अभियोग पत्र पेश किया गया।
अभियोजन की ओर से कुल 07 साक्षियों की साक्ष्य न्याायालय में करायी गयी तथा कुल 47 दस्तावेजो को प्रमाणित कराया गया था। साथ ही मामले में जप्त की गई संपत्ति को न्यायालय के समक्ष पेश कर चिन्हित कराया गया था। अभियुक्त की ओर से मामले में अपने बचाव में किसी भी साक्षी की साक्ष्य नही करायी गयी थी तथा न्यायालय के समक्ष तर्क दिया गया था कि उसे प्रकरण में झूठा आलिप्त किया गया है। न्याायालय द्वारा अभियोजन की ओर से पेश साक्ष्य तथा तर्कों से सहमत होते हुये आरोपी संतोष कुमार सोनी तत्कालीन रीडर तहसीलदार न्याायालय कटनी को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 एवं 13(1-डी) दोनों ही अपराध में दोषी पाते हुये सहपठित धारा 13(2) के अधीन 4 वर्ष के कठोर कारावास एवं 20,000 रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
इसी प्रकार एक अन्य मामले में नवविवाहिता को दहेज की लालच में मृत्यु कारित करने वालों को सप्तम अपर सत्र न्यायाधीश कटनी ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। लोक अभियोजक शैलेंद्र कुमार नागोत्रा ने बताया कि न्यायालय ने मृतिका के आरोपी पति अरविंद, ससुर भगवत प्रसाद एवं जेठानी फूला बाई को विभिन्न धाराओं में दहेज़ प्रतिषेध अधिनियम में दोष सिद्ध पाते हुए आजीवन कारावास एवं अर्थ दंड से दण्डित किया है। मृतक गायत्री बाई का विवाह वर्ष 2015 में आरोपी अरविंद के साथ हुआ था और मृतका के मायके वालों ने यथा शक्ति दान दहेज़ दिया था। फिर भी आरोपी गण आए दिन नवविवाहिता को मोटर साइकिल मायके से लाने के लिए मारपीट कर तंग करते थे। मृतका ने परिवार परामर्श केंद्र में भी शिकायत की थी जहां से सुलह कराकर आरोपी गण मृतका को ससुराल ले गए थे, और कुछ दिन बाद ही मृतका की लाश कुएं में मिली। जिस पर से मायके वालों की रिपोर्ट पर अभियुक्त गण के विरुद्ध मामला थाने में दर्ज कर न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।