दो बेटों का भविष्य अनिश्चित
गृह क्लेश ने दो बच्चों का भविष्य अनिश्चितता में घिर गया है। बताया गया है कि दंपती को दो बेटे हैं, इनमें सबसे बड़ा अंश तीन साल का है और देवा एक साल का। लीलाबाई के पिता की मौत पांच महीने पहले हो गई थी। उसकी मां गोरी बाई ने बताया कि त्योहार पर माहौल दुखी था इसलिए बेटी सहित अन्य रिश्तेदार आए थे। तभी दामाद ने वारदात को अंजाम दिया। वह बेटी लीलाबाई को मायके जाने से रोकता था। कई दिनों से प्रताडि़त कर रहा है। मायके से दहेज लाने के लिए भी दबाव बना रहा था। कजलियां के दिन अचानक घर पहुंचा, अपने ऊपर आग लगाकर बेटी से लिपट गया और बेटी को जिंदा जलाकर मार दिया।