मावठा बना अन्नदाता के लिए अमृत, फसलों को मिली संजीवनी
बूंदाबांदी तो कहीं हुई झमाझम बारिश, कुछ जगह ओलावृष्टि से फसलों को को नुकसान कही आशंका, दलहनी व तिलहन फसल के लिए नुकसान दायक साबित होगा मावठा, गेहूं के लिए वरदान बनी वर्षा, किसानों में खुशी का माहौल

कटनी. मंगलवार का दिन किसानों के लिए खुशी भरा रहा। मावठे की बारिश से किसानों को काफी राहत मिली है। पर्याप्त बिजली न मिलने व कई जगह कनेक्शन कट जाने के कारण किसानों की फसलें सूख रहीं थीं, जिन्हें अब संजीवनी मिल गई है। उमरियापान क्षेत्र में ओलावृष्टि से फसलों को कुछ नुकसान बताया जा रहा है। मौसम वज्ञौनिक संदीप कुमार चंद्रवंशी ने बताया कि पूर्व राजस्थान व आसपास क्षेत्र में 0.9 किलोमीटर की ऊंचाई पर द्रोणिका बनी हुई है। 0.9 किलोमीटर की ऊंचाई पर विदर्भ में कम दबाव का क्षेत्र बना है, पश्चिम बंगाल से नमी वाली हवा आ रही है, जिसके कारण मौसम बदला और बारिश हुई। 17 एवं 18 जनवरी को भी जिले में बारिश होने की संभावना है। गेहूं और चने के लिए राहत भरी बारिश है। तिलहन और दलहन की कटाई किसानों को न करने की सलाह दी गई है। वहीं ढीमरखेड़ा क्षेत्र में ओलावृष्टि हुई है। ग्राम तिलमन में बड़ी मात्रा में ओले गिरे हैं, जिससे फसल प्रभावित होना बताया जा रहा है।
उमरियापान में फसलों को नुकसान
ढीमरखेड़ा क्षेत्र में अचानक मंगलवार सुबह से मौसम का मिजाज बदल गया। सुबह करीब 7 बजे से बारिश शुरू हुई, जो दोपहर बाद तक रुक रुककर चलती रही। क्षेत्र के परसेल, करही, खाम्हा, नेगवां, और ढीमरखेड़ा क्षेत्र के पिंडरई गांव में बूंदाबांदी के साथ चने और बेर के आकार से बड़े ओले गिरे हैं। जिससे कि खेतों में लगी फसलों को नुकसान पहुंचा है। किसान प्रकाशनाथ साहू, पुरुषोत्तम नामदेव,कोदुलाल हल्दकार, जुगलकिशोर काछी, रंजीत काछी ने बताया कि अचानक मौसम में हुए बदलाव के साथ बारिश होने से गेहूं की फसलों को फायदा है, लेकिन निपसी फसलों के साथ चने और मसूर सहित कुछ अन्य फसलों को नुकसान हुआ है। हवा के बदलते और ओले गिरने से गेहूं की फसलें खेतों में बिछ गई है। जिससे फसलों को नुकसान पहुंचा है।
किसानों में खुशी
पिपरिया सहलावन क्षेत्र में बारिश होने से किसानों में खुशी का माहौल है। बारिश से गेहूं की फसल को काफी फायदा क्षेत्र के किसान बता रहे हैं। वहीं दलहनी और तिलहन फसलों के लिए मावठे की बारिश से नुकसान बताया जा रहा है।
बहोरीबन्द क्षेत्र में किसानों को फायदा
बहोरीबंद बाकल पठार क्षेत्र में सिंचाई क अभाव में फसलों कई स्थानों पर सूख गई हैं, कई जगह सूखने की कगार पर थीं, लेकिन मंगलवार को हुई बारिश से एक बार फिर किसानों की उम्मीद जगी है। ग्राम सिन्दूरसी निवासी कोमल पटेल, पूणेंद्र पटेल, चन्द्रभान पटेल ने बताया कि बारिश के पानी से हमारे खेतों को पर्याप्त पानी हो गया है। अब सिंचाई की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। बाकल पठार क्षेत्र के किसान खम्हरिया निवासी सत्तार लोधी, इमलिया निवासी लटोरी चौधरी, पटोरी निवासी अनार सिंह पटेल, सिंहुडी निवासी सन्तोष पटेल, पाकर निवासी ताम सिंह पटेल ने बताया कि इस साल कम बारिश हुई है। और बारिश होगी तो फायदा होगी। आरके चतुर्वेदी वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी ने कहा कि बारिश फसलों के लिए अमृत है।
सिलौड़ी क्षेत्र में भी बारिश
सिलौड़ी समेत क्षेत्र के ग्राम सिमरिया, परवा, नेगई, अतरसूमा, तिलमन, डाला, धनवाही, कचनारी, छितापाल, मंझगवा, मुखास, लालपुर, कछरगांव, दशरमन, गौरा, खम्हरिया, इम्लई, कुंसरी, सुनारखेडा, घाना बम्होरी आदि गांवों में मंगलवार को चमक गरज के साथ बारिश हुई। किसान अमित राय नेगईं, नरेंद्र दाहिया अतरसुमा, ओमकार दुबे डाला, सतलेश बागरी तिलमन, प्रताप बागरी संगवा, मनीराम परवा, संतोष सिमरिया, अंकित सिलौडी के अनुसार अभी तो गेंहू को बरसात ठीक है। दलहनी फसले मसूर, बटरी, चना जो लगभग पक कर तैयार हैं अगर दो तीन दिन अगर मौसम इसी तरीके से रहा या तेज अत्याधिक बरसात होती रही इन फसलों को नुक़सान पहुंचेगा। ईंट भट्टों को भी नुकसान बताया जा रहा है।
किसानों के खिले चेहरे
स्लीमनाबाद तहसील क्षेत्र में बारिश से किसानों को काफी राहत मिली है। कृषक राकेश साहू, जयदीप त्रिपाठी, अनुग्रह यादव, संतोष यादवने बताया कि मावठे की बारिश से न तो दलहन-तिलहन और न ही गेंहू की फसल को नुकसान बल्कि मावठा की बारिश फायदेमंद है। वहीं अगर अब आगे जोरदार बारिश हुई तो किसानों के अरमानोंं पर पानी फिर जाएगा। कृषि विभाग का दल विभिन्न ग्रामों का निरीक्षण कर स्थिति का जायजा लिया। एसएडीओ आरके चतुर्वेदी ने स्लीमनाबाद, कौडिय़ा, तेवरी, खम्हरिया, मवई और चरगवां में खेतों में जाकर फसलों को देखा।
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