संस्थाओं का भी हो रहा मूल्यांकन
स्वच्छता के इस अभियान में जिले की संस्थाओं में भी स्वच्छता का मूल्यांकन हो रहा है। इस अभियान के तहत जिले की 1626 संस्थाएं शामिल की गई हैं, जिनमें स्वच्छता की हकीकत परखी जा रहा है। इसमें प्रसाधन, उसका उपयोग, सफाई आदि का मूल्यांकन हो रहा है। इसमें स्कूल, आंगनवाड़ी, ग्राम पंचायत, सामुदायिक भवन सहित अन्य शासकीय कार्यालय शामिल किए गए हैं।
खास-खास:
– सर्वे के लिए 534 लगाए गए हैं स्वच्छताग्राही।
– 20 हजार प्रसाधनों का हुआ है सत्यापन कार्य।
– 690 संस्थाओं का हुआ आंकलन, 936 शेष।
– 1 लाख 80 हजार की रिपोर्टिंग के बाद होगी समीक्षा।
यह है उद्देश्य
जिले को ओडीएफ करने के लिए हर अधिकारी-कर्मचारी का फोकस रहा है। इसमें यदि किसी स्तर पर गड़बड़ी हुई है तो उसे इस अभियान के माध्यम से पकड़ा जाएगा। क्रॉस चेक करके यदि कहीं पर दोबारा प्रसाधन बनाए जाने की आवश्यकता है या फिर मरम्मत की तो वह भी की जा सकेगी। इसके अलावा विचार परिवर्तन सहित अन्य समस्याएं निकलकर आती हैं तो फिर उसमें काम करके स्वच्छता अभियान न बनाकर इसे विचारधारा में परिवर्तन करने पर काम होगा।
इनका कहना है
जिले में 534 स्वच्छताग्राही सर्वे कर रहे हैं। एक लाख 80 हजार प्रसाधनों का सत्यापन और 1626 संस्थाओं में स्वच्छता का आंकलन हो रहा है। सर्वे रिपोर्ट स्वच्छ एमपी पोर्टल में ऑनलाइन हो रही है। मिले फीडबैंक के बाद सुधार के साथ स्वच्छता एक विचारधारा बनाए जाने पर फोकस होगा।
आनंद पांडे, प्रभारी डीसी, स्वच्छ भारत मिशन।