scriptएक लाख 80 हजार घरों में हो रहा स्वच्छता का सत्यापन, 1626 संस्थाओं में आंकलन भी, जानिये क्यों | cross verification start of Swachh Bharat Mission | Patrika News

एक लाख 80 हजार घरों में हो रहा स्वच्छता का सत्यापन, 1626 संस्थाओं में आंकलन भी, जानिये क्यों

locationकटनीPublished: May 04, 2019 12:01:16 pm

Submitted by:

balmeek pandey

स्वच्छ भारत मिशन में हुई गड़बड़ी और हकीकत को परखने फिर शुरू हुआ क्रॉस चेक का अभियान, अधूरे प्रसाधनों का होगा निर्माण, स्वच्छताग्राही गांव-गांव जाकर कर रहे सर्वे, स्वच्छ एपी पोर्टल में अपडेट कर रहे रिपोर्ट

cross verification start of Swachh Bharat Mission

cross verification start of Swachh Bharat Mission

कटनी. 30 सितंबर 2018 को कटनी जिला खुले शौच से मुक्त (ओडीएफ) हो चुका है। जिले को यह तमगा भले ही मिल गया हो, लेकिन हकीकत तो अभी यह है कि कई घरों में जहां अब भी प्रसाधन नहीं है तो वहीं जिन घरों में प्रसाधन बन गए हैं उनमें से कई के यहां उपयोग लायक नहीं हैं या फिर वे पानी के अभाव, संकीर्ण जगह, अपूर्ण प्रसाधन आदि की समस्या के चलते उसका उपयोग नहीं कर पा रहे। अब ऐसे में इस अभियान को क्रॉस चेक करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा एक बार फिर मुहिम छेड़ी गई है, जिसमें स्वच्छ भारत मिशन अभियान की हकीकत को परखा जा रहा है। जिले के सभी गांवों में क्रॉस चेक करने के लिए स्वच्छताग्राही सर्वे के लिए लगाए गए हैं, जो गांव-गांव जाकर इस अभियान को अमली-जामा पहना रहे हैं। ऑन द स्पॉट स्वच्छ एमपी पोर्टल में वास्तविकतको को अपडेट कर रहे हैं। जानकारी अनुसार एक लाख 80 हजार 200 प्रसाधनों के साथ जिला ओडीएफ हो गया है। यह ओडीएफ 2011 में हुए बेसलाइन के सर्वे के आधार पर है। जो सर्वे से छूट गए हैं या फिर परिवार से अलग रहने लग गए हैं उनके यहां अभी प्रसाधनों का अभाव है। एक लाख 80 हजार प्रसाधनों की वास्तविक स्थिति परखने का काम शुरू हुआ है। 977 गांव में प्रत्येक हितग्राही के प्रसाधन को जांच कर उसकी रिपोर्ट ऑनलाइन की जा रही है। स्वच्छता आंकलन का 15 मई तक चलेगा।

संस्थाओं का भी हो रहा मूल्यांकन
स्वच्छता के इस अभियान में जिले की संस्थाओं में भी स्वच्छता का मूल्यांकन हो रहा है। इस अभियान के तहत जिले की 1626 संस्थाएं शामिल की गई हैं, जिनमें स्वच्छता की हकीकत परखी जा रहा है। इसमें प्रसाधन, उसका उपयोग, सफाई आदि का मूल्यांकन हो रहा है। इसमें स्कूल, आंगनवाड़ी, ग्राम पंचायत, सामुदायिक भवन सहित अन्य शासकीय कार्यालय शामिल किए गए हैं।

खास-खास:
– सर्वे के लिए 534 लगाए गए हैं स्वच्छताग्राही।
– 20 हजार प्रसाधनों का हुआ है सत्यापन कार्य।
– 690 संस्थाओं का हुआ आंकलन, 936 शेष।
– 1 लाख 80 हजार की रिपोर्टिंग के बाद होगी समीक्षा।

यह है उद्देश्य
जिले को ओडीएफ करने के लिए हर अधिकारी-कर्मचारी का फोकस रहा है। इसमें यदि किसी स्तर पर गड़बड़ी हुई है तो उसे इस अभियान के माध्यम से पकड़ा जाएगा। क्रॉस चेक करके यदि कहीं पर दोबारा प्रसाधन बनाए जाने की आवश्यकता है या फिर मरम्मत की तो वह भी की जा सकेगी। इसके अलावा विचार परिवर्तन सहित अन्य समस्याएं निकलकर आती हैं तो फिर उसमें काम करके स्वच्छता अभियान न बनाकर इसे विचारधारा में परिवर्तन करने पर काम होगा।

इनका कहना है
जिले में 534 स्वच्छताग्राही सर्वे कर रहे हैं। एक लाख 80 हजार प्रसाधनों का सत्यापन और 1626 संस्थाओं में स्वच्छता का आंकलन हो रहा है। सर्वे रिपोर्ट स्वच्छ एमपी पोर्टल में ऑनलाइन हो रही है। मिले फीडबैंक के बाद सुधार के साथ स्वच्छता एक विचारधारा बनाए जाने पर फोकस होगा।
आनंद पांडे, प्रभारी डीसी, स्वच्छ भारत मिशन।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो