लुटने को मजबूर मरीज व परिजन
जिला अस्पताल में अबतक सीटी स्कैन मशीन न होने के कारण मरीजों व उनके परिजनों को शहर के बाहर प्राइवेट सीटी स्कैन सेंटर से सीटी स्कैन कराना पड़ रहा है। कोरोना वायरस का संक्रमण का पता लगाने, कैंसर का पता लगाने, एक्सीडेंट में चोट देखने, लकवाग्रस्त होने, बेहोशी, सिर में चोट, मस्तिष्क के अंदर खून जमा होने, फेफड़ों व लीवर में समस्या, ट्यूमर, रीढ़ संबंधी समस्या सहित अन्य बीमारियों का पता लगाने के लिए शहर में मरीजों से 5 हजार रुपये 6 हजार रुपये तक लिए जा रहे हैं, जो कि मरीजों के लिए बड़ा आर्थिक बोझ है। इसके बाद भी जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे।
इस पहल के लिए आगे आ रहे समाजसेवी
जिला अस्पताल में शीघ्र सीटी स्कैन मरीज लगे और मरीजों को लाभ मिले इसके लिए समाजसेवी, जनप्रतिनिधि और दवा कारोबारी भी आगे आ रहे हैं। समाजसेवी मोनू जैसवानी ने बताया कि एक प्रस्ताव स्वास्थ्य विभाग को भेजा गया है। जबलपुर से सीटी स्कैन का काम देखने वाली कंपनी के कर्मचारी गुरुवार को कटनी पहुंचेंगे। उनसे जिला अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन लगाए जाने चर्चा की जाएगी। रियायत दर पर शासन के दिशा-निर्देशों के अनुसार सीटी स्कैन किया जाएगा, प्रस्ताव में अनुमति के बाद आगे की प्रक्रिया शुरू होगी।
इनका कहना है
स्वास्थ्य आयुक्त को 12 दिन पहले सीटी स्कैन कंपनी को ब्लैक लिस्टेड करने के लिए फिर से पत्र लिखा गया है। क्या कार्रवाई हुई है इसकी जानकारी नहीं है। ठेकेदार के स्तर पर भी काम बंद पड़ा है। मशीन लगाने की प्रक्रिया मुख्यालय स्तर से ही होनी है।
डॉ. यशवंत वर्मा, सिविल सर्जन।