आसपास के 400 एकड़ क्षेत्र में होती है सिंचाई
रीठ के अमगवां में बने पबरा जलाशय से अमगवा व पाली गांव की लगभग 400 एकड़ क्षेत्र में सिंचाई होती है। नहर के माध्यम से पानी छोड़ा जाता है। जल उपभोक्ता समिति सदस्य संतोष पटेल व ओंकार प्रसाद ने बताया कि जलाशय का निर्माण साल 1912 में हुआ था। साल 2010 में 90 लाख रुपये मरम्मत के लिए मिले थे। इसमें से 53 लाख रुपये का काम पबरा जलाशय में कराया गया था। समिति के सदस्यों ने बताया कि दिसंबर 17 में जलाशय में कटाव होने की सूचना मिली थी। जिसकी जानकारी विभागीय अधिकारियों को दी गई थी। सुनवाई नहीं होने पर मई 2018 में जनसुनवाई में शिकायत की गई। जून माह में अधिकारियों ने काम चलाऊ कार्य कराया और सितंबर माह में जलाशय फूट गया।
तीसरे दिन भी जारी रहा पानी रोकने काम-
पबरा जलाशय से लगातार तीसरे दिन भी पानी का बहाव जारी रहा। विभागीय अधिकारियों द्वारा रविवार को भी जलाशय में हुए कटाव को बोरी बंधान के माध्यम से रोकने की कोशिश में लगे रहे। पानी के तेज बहाव के कारण तीसरे दिन भी सफलता नहीं मिली।
इनका कहना है
कटाव की वजह से पबरा जलाशय से बह रहे पानी को रोकने की भरपूर कोशिश की जा रही है। ग्रामीणों व जल उपभोक्ता समिति के सदस्यों द्वारा अधिकारियों को पहले क्या जानकारी दी गई थी, इस संबंध में मुझे कोई जानकारी नहीं है। मुझे प्रभार लिए हुए कुछ दिन ही हुए है।
बृजेश विश्वकर्मा, एसडीओ, जलसंसाधन विभाग।